जम्मू-कश्मीर पर प्रोपेगंडा फ़ैलाने की कोशिश कर रहे एक्टिविस्टों का एक समूह अपना-सा मुँह लेकर रह गया, जब प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने उन्हें प्रोपेगंडा करने के लिए अपने प्रांगण का इस्तेमाल करने देने से मना कर दिया।
टाइम्स नाउ के अनुसार प्रेस-क्लब ने चरम-वामपंथी एक्टिविस्टों के एक समूह को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर के हालातों पर झूठा प्रोपेगंडा फ़ैलाने देने से मना कर दिया। इस गिरोह में कविता कृष्णन, सोनिया गाँधी के पूर्व सहयोगी ज्याँ द्रेज़, और दो अन्य भारत-विरोधी ब्रिगेड के सदस्य थे।
#Breaking | Press Club muzzles ‘propaganda’ by ‘lobby.’ The ‘lobby’ wanted to malign India. After Supreme Court setback, ‘lobby’ exposed by Press Club. | Vivek Narayan with details. | #KashmirWithIndia pic.twitter.com/Kkw2CnGuBx
— TIMES NOW (@TimesNow) August 14, 2019
इन ‘एक्टिविस्टों’ का दावा था कि उन्होंने कश्मीर जाकर 370 हटने के बाद से उसके हालात का जायज़ा लिया था, और उसे रिकॉर्ड किया था। चरम-वामपंथियों का यह समूह प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इनका इरादा भड़काऊ वीडियो और फ़ोटो रिलीज़ कर जनता को उकसाने का था। कविता कृष्णन ने इस बाबत ट्वीट भी किया:
We are, as far as we know, the only ones to go out of Srinagar to check on the #Kashmir situation since 5 Aug. Do come to listen to our first hand report. https://t.co/OpppMS6oxa
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) August 14, 2019
कविता कृष्णन के 5-दिनी ‘दौरे’ की रिपोर्ट जारी करने के लिए उनके साथ ज्यां द्रेज़ के अलावा मैमूना मुल्ला और विमल भी थे। लेकिन प्रेस क्लब ने फुर्ती से हरकत में आते हुए उनकी रिपोर्ट की रिलीज़ रोक दी। जब सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य बनाने की कोशिश कर रही है, तो यह ‘एक्टिविस्ट’ घाटी की एक नकारात्मक छवि बनाने में लगे हुए हैं। इसीलिए प्रेस क्लब ने उन्हें उन रिपोर्टों की रिलीज़ के लिए ज़मीन देने से मना कर दिया, जिनकी पुष्टि नहीं की जा सकती।