मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस MLA प्रद्युम्न लोधी ने पार्टी से दिया इस्तीफा, थामा BJP का हाथ

प्रद्युम्न लोधी और शिवराज सिंह चौहान

देश के तमाम राज्यों में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की हालत पहले ही बहुत अच्छी नहीं है। इसके बावजूद सबसे पुराने दल को कोई न कोई झटका मिल ही जाता है। हालाँकि कॉन्ग्रेस के हालात राजस्थान में नाज़ुक है लेकिन उसके अलावा उसे एक झटका मध्य प्रदेश में भी मिला है। मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस विधायक प्रद्युम्न लोधी ने इस्तीफ़ा देकर भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया है। 

कॉन्ग्रेस को यह झटका ऐसे समय में लगा है, जब प्रदेश में उप चुनाव होने ही वाले हैं। प्रद्युम्न लोधी मध्य प्रदेश के बड़ा मलहरा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने अपना इस्तीफ़ा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को सौंपा, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद वह शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए मुख्यमंत्री आवास पहुँचे। 

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शिवराज सिंह चौहान से मिलने के बाद उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से भी मुलाक़ात की। अंत में वह भाजपा के प्रदेश कार्यालय गए और वहाँ उन्होंने पार्टी की सदस्यता ले ली। इस दौरान मौके पर शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा समेत कई नेता मौजूद थे। 

क्योंकि उप-चुनाव नज़दीक हैं इसलिए कॉन्ग्रेस के सामने चुनौतियाँ बढ़ने ही वाली हैं। वहीं लोधी का इस मुद्दे पर कहना था कि वह बुंदेलखंड का विकास करने के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने बुंदेलखंड क्षेत्र में भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना भी की। उनके मुताबिक़ कॉन्ग्रेस की सरकार इस मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है। तुलनात्मक रूप से भाजपा ने उस क्षेत्र में जिस तरह कार्य किया है, वह सराहनीय है। 

सचिन पायलट और अशोक गहलोत

इस बीच राजस्थान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कॉन्ग्रेस के हिस्से में आने वाले राजनीतिक समीकरण बहुत सुलझे हुए नज़र नहीं आ रहे हैं। कॉन्ग्रेस की गहलोत सरकार पर संकट गहराता जा रहा है।

राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच के तनातनी अब खुल कर सामने आ गई है। सचिन पायलट का आरोप है कि उन्हें नज़र अंदाज किया जा रहा है। सरकार के फैसलों में अहमियत नहीं दी जाती है। उधर अशोक गहलोत खेमे के लोगों का आरोप है कि सचिन पायलट बीजेपी के संपर्क में हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया