महाराष्ट्र: कॉन्ग्रेस को सता रहा है विधायकों के टूटने के डर, 30 विधायकों को भेजा जयपुर

कॉन्ग्रेस को सता रहा है विधायकों के टूटने के डर, 30 विधायकों को भेजा जयपुर

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सियासती गतिरोध अभी भी जारी है। इस बीच ख़बर आ रही है कॉन्ग्रेस ने अपने विधायकों को मुंबई से जयपुर भेज दिया है। सभी कॉन्ग्रेस विधायकों को जयपुर के एक रिज़ॉर्ट में ठहराया गया है। सभी विधायकों को शुक्रवार (8 नवंबर) की सुबह मुंबई से जयपुर रवाना किया गया था। न्यूज़-18 ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि कॉन्ग्रेस को सूचना मिली थी कि भाजपा नई सरकार के गठन के लिए उसके कुछ विधायकों के सम्पर्क में है और उन्हें तोड़ने का प्रयास कर रही है। इसलिए कॉन्ग्रेस ने अपने विधायकों को राज्य से बाहर भेजने का निर्णय लिया।

दरअसल, महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। ख़बर है कि कॉन्ग्रेस ने अपने 44 में से 30 विधायकों को जयपुर भेज दिया है। वहीं, बाक़ी विधायकों को शाम तक जयपुर रवाना होने के लिए कह दिया जाएगा।

कॉन्ग्रेस अपने विधायकों की ख़रीद-फरोख्त को बचाने के लिए बेहद चिंतित नजर आ रही है। इस बीच कॉन्ग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य हुसैन दलवई का बयान आया है। उन्होंने कहा, “सभी कॉन्ग्रेस विधायक एकजुट हैं। कोई भी विधायक पार्टी से अलग नहीं होगा। पार्टी हाईकमान के आदेश का विधायक पालन करेंगे। हम बीजेपी को राज्य में सरकार बनाने नहीं देंगे। राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) हमारी सहयोगी है, वे हमारे साथ हैं। महाराष्ट्र को बचाने के लिए लोगों ने हमें वोट दिया है।”

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ख़बर के अनुसार, कॉन्ग्रेस नेता नितिन ने अपने एक बयान में कहा है, “उन्हें ऐसी खबरें मिली हैं कि कुछ कॉन्ग्रेसी विधायकों को भाजपा की तरफ से पैसों की पेशकश हुई है। कल हमारे एक या दो विधायकों को 25 करोड़ रुपए का ऑफर मिला। हम विधायकों की खरीद-फरोख्त की इस परिपाटी को रोकने का पूरा प्रयास करेंगे, जो कि कर्नाटक में शुरु हुई है।”

बता दें कि भाजपा और शिवसेना के बीच अभी तक सरकार गठन को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। महाराष्ट्र में पिछली सरकार का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है। ऐसे में ये अंतिम 24 घंटे काफी अहम हैं। वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने एक बयान में भाजपा पर राज्य को राष्ट्रपति शासन की ओर ले जाने का आरोप लगाया है। संजय राउत ने अपने बयान में कहा कि ‘बीजेपी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है। यह जनादेश का अपमान है।’

ग़ौरतलब है कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 105 और उसकी सहयोगी शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। कॉन्ग्रेस ने 44 और उसकी सहयोगी एनसीपी ने 54 सीटों पर जीत हासिल की है। ऐसे में शिवसेना के साथ यदि कॉन्ग्रेस और एनसीपी आ जाते हैं तो सरकार बन सकती है। लेकिन, पवार ने नतीजों के तुरंत बाद कह दिया था कि उनकी पार्टी विपक्ष में बैठेगी। उन्होंने कहा था कि जनादेश भाजपा-शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने के लिए मिला है। इसके बाद से एनसीपी लगातार अपने इस रुख को दोहरा रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया