महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर जारी सियासी खींचतान अभी भी जारी है। शिवसेना, कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की फिराक में है। मगर शिवसेना के साथ समर्थन करने को लेकर एनसीपी और कॉन्ग्रेस की शर्तें भी सामने आ रही हैं। पहले शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) ने शर्त रखी थी कि यदि शिवसेना एनडीए का साथ छोड़ देती है तो महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए उसे समर्थन देने पर विचार हो सकता है।
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और अब कॉन्ग्रेस ने समर्थन देने के लिए शिवसेना के सामने अपनी कट्टर हिंदुत्व वाली छवि को बदलने की शर्त रखी है। इस छवि के बदलने पर ही कॉन्ग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना का समर्थन करने के बारे में सोचेगी। बता दें कि 17 नवंबर को कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के बीच दिल्ली में महाराष्ट्र को लेकर बैठक होगी और उस बैठक में शिवसेना को समर्थन देने के बारे में विचार किया जाएगा।
Shiv Sena leader Eknath Shinde after Congress,Shiv Sena&NCP joint meeting today: Common Minimum Programme was discussed in the meeting,a draft has been prepared. The draft will be sent to high command of three parties for discussion, final decision will be taken by high commands. https://t.co/6eeotDpAwb pic.twitter.com/NXbU0Fpxp1
— ANI (@ANI) November 14, 2019
कॉन्ग्रेस-एनसीपी की शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने पर बनी सैद्धांतिक सहमति के बाद भी हिन्दुत्व और सत्ता के बँटवारे के स्वरूप पर अभी रस्साकशी जारी है। बताया जा रहा है कि कॉन्ग्रेस और राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा शिवसेना को समर्थन देने के बारे में फाइनल फैसला 17 नवंबर को शरद पवार और सोनिया गाँधी के बीच होने वाली बैठक के बाद ही किया जाएगा। दोनों नेताओं के बीच इस बात पर भी चर्चा होगी कि अगर तीन दल मिलकर सरकार बनाते हैं तो पावर शेयरिंग कैसे की जाएगी और मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री तथा मंत्री किस पार्टी के होंगे।
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इसके साथ ही ये खबर भी आ रही है कि सरकार गठन को लेकर गुरुवार (नवंबर 14, 2019) को तीनों पार्टियों ने मीटिंग की। इस मीटिंग में शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे, कॉन्ग्रेस की ओर से पृथ्वीराज चव्हाण और एनसीपी की ओर से छगन भुजबल शामिल हुए। मीटिंग के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बताया कि तीनों पार्टियों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हुई और इसका एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है। इस ड्राफ्ट को तीनों पार्टियों के हाईकमान को भेजा जाएगा। पार्टियों के हाई कमान ही मिलकर आपस में तय करेंगे कि आखिरी निर्णय क्या होगा। फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है।