हालिया इतिहास के सबसे ‘खूनी’ चुनावों में से एक कराने के बाद अब ममता बनर्जी ने Exit Polls आते ही बहानेबाजी शुरू कर दी है। Exit Polls में भाजपा को लोकसभा चुनाव जीतता देखकर उन्होंने ट्वीट किया, “मुझे एग्जिट पोल पर विश्वास नहीं होता। हज़ारों EVM को मैनिपुलेट करने या उनको बदलने की साज़िश की जा रही है इस एग्जिट पोल की गप्पबाज़ी से। मैं सारी विपक्षी पार्टियों से एकजुट होने, मज़बूत बनने और बुलंद रहने की अपील करती हूँ।”
I don’t trust Exit Poll gossip. The game plan is to manipulate or replace thousands of EVMs through this gossip. I appeal to all Opposition parties to be united, strong and bold. We will fight this battle together
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 19, 2019
राग पुराना, ‘दिलजलों’ का पसंदीदा फ़साना
ममता बनर्जी और विपक्ष के अन्य नेताओं का EVM खटराग नया नहीं है। विपक्षी नेता इसे लेकर निर्वाचन आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए थे, लेकिन हर जगह उन्हें मुँह की ही खानी पड़ी। उसी समय यह स्पष्ट हो गया था कि नतीजे अगर उनके मन-मुताबिक नहीं हुए तो अपनी नकारात्मक, हिन्दूफोबिक, और भ्रष्ट राजनीति की हार मानने की बजाय EVM को बलि का बकरा बनाया जाएगा। और वही हो रहा है।
‘स्ट्रॉन्ग’ से मतलब क्या है? इरादा क्या?
आख़िर ममता बनर्जी ‘गॉसिप’ से ईवीएम को बदलने की बात किस विज्ञान के आधार पर कर रही हैं? एक ट्वीट से खुन्नस, निराशा और अज्ञान सब झलकता है। निर्वाचन आयोग ने जब चुनौती दी थी EVM हैक करके दिखाने की, तो कोई राजनीतिक दल नहीं पहुँचा। सभी बँगले झाँक रहे थे।
दूसरी बात यह है कि सारी विरोधी पार्टियाँ एकजुट हो कर करेंगी क्या? क्या ममता बनर्जी यहाँ किसी तरह की धमकी दे रही हैं? अपोज़िशन यूनाइट होकर, स्ट्रॉन्ग और बोल्ड होकर करेगा क्या? क्या किसी लोकतांत्रिक संस्था पर हमले की योजना बन रही है या फिर यह एक हार स्वीकारती, गुस्से से भरी हुई नेत्री का क्रोध मात्र है?