विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि वह अपनी पूरी जनता को जिहाद की आग में झोंक देना चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह बात पत्रकारों से बात करते हुए कही। वे पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के अपने देशवासियों से नियन्त्रण सीमा (LOC) पर मार्च करने के आह्वाहन पर मंत्रालय की साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान प्रतिक्रिया दे रहे थे।
महासभा में भी बचकाना हरकतें
रवीश कुमार ने यह भी कहा कि इमरान खान की संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान बयानबाजी बचकाना थी। उल्लेखनीय है कि महासभा में अपने वक्तव्य में इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच नाभिकीय युद्ध (Nuclear War) की ‘संभावना व्यक्त’ करते हुए धमकी दी थी।
“उनके बयान महासभा के दौरान भी उकसाऊ और गैरज़िम्मेदार थे। मुझे नहीं लगता कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय या कूटनीतिक संबंधों को चलाने की जानकारी है। उन्होंने हिंदुस्तान के खिलाफ खुले जिहाद का आह्वाहन किया है। यह कतई सामान्य नहीं है।” रवीश का इशारा इमरान खान द्वारा अपने देश के लोगों से LOC पर मार्च करने की गुज़ारिश की तरफ़ था।
इस बीच हिंदुस्तानी सेना ने पाकिस्तानी सेना से दोनों देशों के बीच की वर्तमान और अस्थायी (de-facto) सीमा रेखा की मर्यादा बनाए रखने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि इस मार्च को पाकिस्तानी सेना के समर्थन की बात कही जा रही है।
निहत्थे सैनिकों को तोपों के आगे धकेलने की तैयारी
पाकिस्तानी सेना का असली प्लान उकसाए गए और ब्रेनवॉश हुए आम लोगों को भारतीय सेना की गोलियों और तोपों के आगे धकेल देने का है। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में सेना के सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि पाकिस्तानी नेतृत्व आम लोगों को इसका हिस्सा बनने के लिए बरगलाने में लगा है। इस बीच सीमा रेखा इस तरफ़ सुरक्षा बलों ने हर परिस्थिति से निबटने की तैयारी कर रखी है।
मलेशिया, तुर्की को चेतावनी
मलेशिया और तुर्की को भी चेतावनी रविश कुमार ने इसी प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने मलेशिया को भारत-मलेशिया के दोस्ताना रिश्तों को याद कर उस तरह की टिप्पणियों (“भारत ने कश्मीर पर आक्रमण और कब्ज़ा किया है”) से बाज़ आने की सलाह दी जो प्रधानमंत्री महातिर मोहमद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में की थीं। तुर्की को रवीश कुमार ने इस मुद्दे पर और मुँह खोलने के पहले समस्या को समझने की सलाह दी।