केंद्र की वैक्सीन पॉलिसी: चिदंबरम ने वापस लिया बयान, अपनी ही पिछली ट्वीट तक नहीं गई राजदीप की ‘गिद्धदृष्टि’

पी चिदंबरम और राजदीप सरदेसाई ने कोरोना वैक्सीन को लेकर फैलाया प्रोपेगंडा (फाइल फोटोज)

कॉन्ग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जहाँ कोरोना वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाया, वहीं ‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी अपने पुराने बयान से यू-टर्न लेते हुए केंद्र सरकार के फैसले का श्रेय विपक्षी नेताओं को दे डाला। विपक्षी नेताओं ने सोशल मीडिया पर हंगामा करने में देर नहीं मचाई और दावा किया कि वैक्सीन नीति की प्रक्रिया ‘सेंट्रलाइज्ड’ हो, ये उनकी शुरू से माँग थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी यही किया।

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘राष्ट्र के नाम सम्बोधन’ का संदेश यही है कि केंद्र सरकार ने अपनी पिछली गलतियों से सीख ली है और उसने जो दो प्रमुख गलतियाँ की थीं, उसे सुधारने का प्रयास किया है। लेकिन, साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर झाँसा देने का आरोप लगाते ये भी कहा कि उन्होंने अपनी गलतियों के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने दावा किया कि किसी ने भी ऐसा नहीं कहा था कि केंद्र को वैक्सीन की खरीद नहीं करनी चाहिए।

तमिलनाडु के कॉन्ग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अब पीएम मोदी कह रहे हैं कि राज्यों ने वैक्सीन की खरीद के लिए इच्छा प्रकट की थी, इसीलिए उन्हें ये सुविधा दी गई थी। उन्होंने सवाल दागा था कि किस राज्य के किस मुख्यमंत्री ने किस समय वैक्सीन की खरीद के लिए इच्छा प्रकट की थी या ऐसी माँग की थी? इसके बाद लोगों ने उनके सामने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पत्र पेश किया, जिसमें उन्होंने यही माँग रखी थी।

https://twitter.com/KumarPrachanda/status/1401953207291498497?ref_src=twsrc%5Etfw

फिर पी चिदंबरम ने अपने बयान को गलत बताते हुए कहा कि सोशल मीडिया एक्टिविस्ट्स ने सीएम ममता का पत्र शेयर किया है, जिसके बाद वो अपने बयान में भूल-सुधार करते हैं। चिदंबरम ने ये बयान ANI को दिया था। दरअसल, फरवरी 24, 2021 के उस पत्र में ममता बनर्जी ने माँग की थी कि राज्य सरकारों को प्राथमिकता के आधार पर राज्यों को बड़ी संख्या में वैक्सीन की खरीद की अनुमति देनी चाहिए।

इस दौरान पी चिदंबरम अपनी ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी का वो पत्र भी भूल गए, जो उन्होंने अप्रैल 8, 2021 को लिखा था। राहुल गाँधी ने तब माँग की थी कि वैक्सीन की खरीद में राज्य सरकारों की ज्यादा भूमिका होनी चाहिए। तब उन्होंने ‘सेंट्रलाइज्ड प्रोपेगंडा’ को गलत करार दिया था। खुद पी चिदंबरम ने NDTV को वैक्सीन की प्रक्रिया डिसेंट्रलाइज करने को कहा था। शेखर गुप्ता ने भी एक ट्वीट में लिखा था कि कई राज्यों ने ऐसी माँग की है।

ज्ञात हो कि टीकाकरण की रणनीति पर पुनर्विचार करने और 1 मई से पहले की व्यवस्था को वापस लाते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि राज्यों के जिम्मे जो 25 प्रतिशत टीकाकरण था, उसे अब भारत सरकार द्वारा करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय को दो सप्ताह में अमल में ला दिया जाएगा। दो सप्ताह में केन्द्र और राज्य नए दिशानिर्देशों के मुताबिक जरूरी तैयारियाँ करेंगे। आगामी 21 जून से, भारत सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिकों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन प्रदान करेगी।

https://twitter.com/iAnkurSingh/status/1401887959549235208?ref_src=twsrc%5Etfw

वहीं राजदीप सरदेसाई ने राज्योंको वैक्सीन को वैक्सीन की खरीद का अधिकार दिए जाने के समय मनमोहन सिंह को श्रेय देते हुए उनकी तारीफों के पुल बाँधे थे, लेकिन अब वो इस प्रक्रिया के वापस लिए जाने के बाद विपक्षी नेताओं को श्रेय देते नहीं अघा रहे। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने राज्यों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह मान ऐसा किया है। लेकिन, तब राजदीप ने कहा था कि मनमोहन की सलाह पर राज्यों को ये अधिकार मिला है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया