जम्मू कश्मीर पर अब भारतीय नेता ही पाकिस्तान के मददगार साबित होते नज़र आ रहे हैं। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को जम्मू कश्मीर के सम्बन्ध में पत्र लिख कर कहा है कि भारत वहाँ ‘अत्याचार कर रहा है’ और अपनी इस बात को साबित करने के लिए उसने कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के बयानों का सहारा लिया है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को भेजे पत्र में लिखा है कि भारत की मुख्यधारा के राजनेताओं द्वारा भी ‘कश्मीर में हो रही हिंसा’ को स्वीकार किया है।
पाकिस्तान ने राहुल गाँधी का हवाला देते हुए उनके उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘जम्मू कश्मीर में लोग मर रहे हैं’। पाकिस्तान ने लिखा कि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने जम्मू कश्मीर में चीजें ग़लत दिशा में जाने की बात कही थी। पाकिस्तान ने इस पत्र में कई झूठे आरोप लगाते हुए कश्मीर के बच्चों व महिलाओं पर ‘भारत द्वारा अत्याचार’ करने की बात कही है। पाकिस्तान ने यूएन को भेजे गए पत्र में अपनी बात साबित करने के लिए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की ट्वीट्स का भी सहारा लिया है।
Pak writes to @UN again on #Kashmir Quotes @RahulGandhi ‘violence acknowledged by Rahul Gandhi who has noted people dying there’, also includes Tweets by @MehboobaMufti @ABPNews pic.twitter.com/EIXogdVXjo
— Ashish/Aashu (ABP News) (@AshishSinghLIVE) August 27, 2019
बता दें कि राहुल गाँधी विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ जम्मू कश्मीर गए थे लेकिन श्रीनगर एयरपोर्ट से ही उन्हें वापस भेज दिया गया। अब राहुल डैमेज कण्ट्रोल में जुट गए हैं। विवादों के बाद उन्होंने कहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और वहाँ हो रही हिंसा के लिए पाक ज़िम्मेदार है। राहुल गाँधी ने ट्विटर पर लिखा कि पाकिस्तान दुनिया में आतंकवाद का प्रमुख समर्थक के रूप में जाना जाता है।
There is violence in Jammu & Kashmir. There is violence because it is instigated and supported by Pakistan which is known to be the prime supporter of terrorism across the world.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 28, 2019
साथ ही राहुल ने यह भी लिखा कि जम्मू कश्मीर में होने वाली हिंसा पाकिस्तान समर्थित होती है और पाकिस्तान के भड़काने से ही होती है। राहुल गाँधी ने लिखा कि वे केंद्र सरकार से कई मसलों पर मतभेद रखते हैं लेकिन जम्मू कश्मीर के मामले में पाकिस्तान या किसी अन्य तीसरे देश को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।