यहाँ-वहाँ थूकना बंद करें, रमजान पर करें सरकारी निर्देशों का पालन: PM मोदी ने की ‘मन की बात’

लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की 'मन की बात'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि कोरोना वायरस आपदा की रोकथाम के लिए हुए लॉकडाउन के बीच उन्हें सामान्य दिनों की अपेक्षा इस बार ‘मन की बात’ के लिए काफ़ी ज्यादा फोन कॉल्स, मैसेज और पत्र आए हैं। उन्होंने कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई को ‘पीपल ड्रिवेन लड़ाई’ नाम दिया, क्योंकि लोग जनसेवा से लेकर अन्य माध्यमों से अपना-अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने ताली व थाली बजाने और दिया जलाने की भी बात की। प्रधानमंत्री ने इसे ‘महायज्ञ’ करार दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के किसान भी आज खेतों में मेहनत कर रहे हैं और ध्यान रख रहे हैं कि कोई भी भूखा नहीं सोए। उन्होंने इस दौरान सरकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘कोविड वॉरियर्स डॉट जीओवी डॉट इन’ की बात की, जिससे अब तक कई सामाजिक संगठन जुड़ चुके हैं। उन्होंने लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि कोई अपनी पेंशन राशि पीएम केयर्स में दान दे रहा है तो कोई पुरस्कार में मिली राशि दान कर रहा है। कोई खेतों की सब्जियाँ दान कर दे रहा है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मुश्किल परिस्थिति में देशवासियों ने जो ‘संकल्प शक्ति’ दिखाई है, उससे देश को नई ऊर्जा मिली है। उन्होंने व्यापार से लेकर दफ्तरों और अस्पतालों द्वारा अपनाई जा रही नई तकनीकों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि देश का हर इनोवेटर इस परिस्थिति से निपटने के लिए कुछ न कुछ नया निर्माण कर रहा है। ‘प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज’ के तहत ग़रीबों के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर हो रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा:

“गरीबों को 3 महीने मुफ्त सिलिंडर और राशन जैसी सुविधाएँ दी जा रही हैं। इसके लिए सरकार के अलग-अलग विभागों के लोग, बैंकिंग सेक्टर के लोग दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। मैं देश के राज्य सरकारों की भी तारीफ़ करना चाहूँगा। स्थानीय प्रशासन इस महामारी से निपटने में जो भूमिका निभा रहा है, वो सराहनीय है। एक अध्यादेश लाया गया है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं में लगे लोगों का उत्पीड़न और हिंसा के मामलों में कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है। जो लोग देश को कोरोना-मुक्त बनाने में जुटे हैं, उनकी रक्षा के लिए ये ज़रूरी था।”

दुनिया की मदद के लिए आगे आया भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया भर में कई देशों को दवाओं की ज़रूरत है और भारत अगर उनकी मदद नहीं करता तो भी कोई हमें दोषी नहीं ठहरता, लेकिन तब भी देश ने दूसरे देशों की मदद करने का फ़ैसला लिया। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी संस्कृति के अनुरूप ही फ़ैसला लिया। उन्होंने कहा कि भारत ने आज विश्व के हर ज़रूरतमंद तक दवाएँ पहुँचाने का बीड़ा उठाया है और सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत का धन्यवाद कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि हम अपनी ही समृद्ध परंपरा को भूल जाते हैं और जब दूसरा देश कोई रिसर्च कर के हमें हमारी ही परंपरा सिखाता है तो हम हाथोंहाथ लेते हैं। ये सैकड़ों वर्ष की गुलामी का कालखंड का प्रभाव है कि हमें अपनी ही शक्ति पर विश्वास नहीं होता। प्रधानमंत्री ने इसे आत्मविश्वास की कमी करार दिया। उन्होंने आशा जताई कि जिस तरह दुनिया ने योग को स्वीकार किया है, उसी तरह वो आयुर्वेद को स्वीकार करेगी। उन्होंने युवाओं को अपने पारम्परिक सिद्धांतों को हीन न समझने को कहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’

पीएम मोदी ने कहा कि समाज में एक और जागरूकता ये आई है कि लोग ये समझ रहे हैं कि सार्वजनिक जगहों पर थूकने से क्या नुकसान हो सकता है। यहाँ-वहाँ थूक देना लोगों की ग़लत आदतों का हिस्सा बना हुआ था। पीएम ने कहा कि अब समय आ गया है जब इस बुरी आदत को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया जाए। उन्होंने समझाया कि भले ही देर हो गई लेकिन अब यहाँ-वहाँ थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मास्क भी अब लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि जो मास्क लगाते हैं, वो सभी बीमार हैं। उन्होंने कहा कि एक ज़माना था जब कोई फल ख़रीदता था तो लोगों को लगता था कि उसके घर में कोई बीमार है और ये धारणा बन गई थी कि बीमारी में ही फल खाते हैं। पीएम मोदी ने भगवान बसवेश्वर की जयंती पर उनके अनुयायियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उन्हें उनसे काफ़ी कुछ सीखने को मिला है।

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रमजान पर करें सरकारी निर्देशों का पालन

उन्होंने मुसलमानों से कहा कि वो रमजान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का जरिया बनाएँ। उन्होंने ये दुआ करने को कहा कि ईद आते ही दुनिया कोरोना-मुक्त हो जाए, ताकि हर्ष-उल्लास के साथ त्यौहार मनाया जा सके। उन्होंने विश्वास जताया कि रमजान के दौरान प्रशासन के निर्देशों का पालन किया जाएगा। उन्होंने उन कम्युनिटी लीडर्स को भी धन्यवाद दिया, जो लोगों को जागरूक करने में लगे हुए हैं।

पीएम मोदी ने लोगों को अति आत्म-विश्वास में न फँसने की सलाह दी और ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ का सन्देश दिया। उन्होंने लोगों से ग़लती न पालने को भी कहा। पीएम मोदी ने कहा कि ये विचार न पालन कि हमारे गली या दफ्तर तक कोरोना नहीं पहुँचा है तो आगे भी कभी नहीं पहुँच सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया