महाराष्ट्र में राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर दी है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की। राज्यपाल ने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज दी है। कहा जा रहा है कि भाजपा, शिवसेना और एनसीपी- राज्य में तीनों सबसे बड़े दलों के सरकार गठन में असफल रहने के कारण ये फैसला लिया गया। राज्यपाल ने सबसे पहले भाजपा नेताओं से मुलाक़ात की थी लेकिन शिवसेना के अड़ंगे के कारण महायुति को पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद सरकार का गठन नहीं हो सका।
Sources: #Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari recommends President's rule in the state. pic.twitter.com/h1tpcrRhos
— ANI (@ANI) November 12, 2019
इसके बाद राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया। पार्टी मीडिया में अपने पास बहुमत के लिए ज़रूरी विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रही थी लेकिन राज्यपाल से उसने 3 दिनों का वक़्त माँगा था। राज्यपाल ने उन्हें अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया।
#Breaking 1st on TIMES NOW | Maharashtra Governor @BSKoshyari recommends President’s rule in the state. He has sent a report to the Centre.
— TIMES NOW (@TimesNow) November 12, 2019
TIMES NOW’s Managing Editor Navika Kumar with details. Listen in. | #MAHADrama pic.twitter.com/hGQWaZ9osE
राज्यपाल ने एनसीपी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया क्योंकि वो राज्य में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। कॉन्ग्रेस द्वारा शिवसेना को समर्थन के सम्बन्ध में रुख स्पष्ट न किए जाने के कारण शिवसेना के नेतृत्व में सरकार गठन नहीं हो सका। उद्धव ने सोमवार (नवंबर 11, 2019) को पवार से मुलाक़ात भी की थी लेकिन बात नहीं बन सकी। कॉन्ग्रेस के सभी विधायक जयपुर में रुके हुए हैं और पार्टी ने अभी तक विधायक दल का नेता भी नहीं चुना है।