सोनभद्र नरसंहार: पीड़ितों से मिलने पर प्रियंका अड़ीं, एयरपोर्ट पर रोके गए TMC नेता

धरने पर बैठी कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में जमीन विवाद में 10 लोगों की हत्या के मामले में सियासत गरम है। कॉन्ग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गॉंधी चुनार गेस्ट हाउस में कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठी हैं। उन्होंने कहा है कि जब तक प्रशासन उन्हें पीड़ितों से मिलने की इजाजत नहीं देता वे यहीं डटी रहेंगी।

इधर, शनिवार को सोनभद्र जाने की कोशिश कर रहे टीएमसी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने वाराणसी एयरपोर्ट पर ही रोक दिया। इससे नाराज सांसद डेरेक ओ ब्रायन, सुनील मंडल, अबीर रंजन बिस्वास और उमा सरेन एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गईं। घटना के बाद से ही सोनभद्र में धारा 144 लागू है।

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प्रियंका को शुक्रवार को जब सोनभद्र जाने से रोका गया तो वह सड़क पर ही बैठ गईं और जोर देने लगीं कि उन्हें आगे जाने की इजाजत दी जाए। इसके बाद वहां मौजूद अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया और उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया। प्रशासन के आला अधिकारी उन्हें लगातार मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह पीड़ित परिवारों से मिलने देने या फिर जेल भेजने की बात पर अड़ी हुईं हैं।

उन्होंने वारदात में मारे गए लोगों के परिजन को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा और जमीन पर मालिकाना हक दिए जाने की भी मांग की।

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सोनभद्र के घोरावल इलाके में बुधवार को जमीन पर कब्जे को लेकर ग्राम प्रधान और उसके लोगों ने गोंड आदिवासियों पर फायरिंग की थी। इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 18 अन्य घायल हो गए थे।

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हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका गाँधी के तेवर और तेज हो गए। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया है। उन्होंने लिखा, “उत्तर प्रदेश सरकार की ड्यूटी है अपराधियों को पकड़ना। मेरा कर्तव्य है अपराध से पीड़ित लोगों के पक्ष में खड़े होना। भाजपा अपराध रोकने में तो नाकामयाब है, मगर मुझे मेरा कर्तव्य करने से रोक रही है। मुझे पीड़ितों के समर्थन में खड़े होने से कोई रोक नहीं सकता।”

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प्रियंका ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि उन्होंने न तो कोई कानून तोड़ा है और न ही कोई अपराध किया है। उनका कहना है कि उन्होंने ये भी कहा था कि प्रशासन चाहे तो वो वो अकेली उनके साथ पीड़ितों के परिवार से मिलने के लिए आदिवासियों के गाँव जाने के लिए तैयार हैं। प्रियंका गाँधी ने कहा कि प्रशासन कह रहा है कि उन्हें 50,000 की जमानत देनी होगी,नहीं तो उन्हें 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वो उन्हें सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें (पुलिसवालों को) ऊपर से ऑर्डर है।

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प्रियंका को पुलिस द्वारा रोके जाने का विरोध करते हुए राहुल गाँधी ने ट्वीट किया कि जब वो सोनभद्र जिले में हुए खूनी संघर्ष के पीड़ितों से मिलने जा रही थी, तो उन्हे गैरकानूनी रूप से गिरफ्तार किया गया। राहुल ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता का मनमाना इस्तेमाल उनकी बढ़ती असुरक्षा को उजागर करता है।

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कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया कि सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रही कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी की गिरफ्तारी अजय सिंह बिष्ट सरकार की तानाशाही का निकृष्टतम उदाहरण है।

पूरा मामला: उत्तर प्रदेश: आदिवासियों की जमीन पर कब्जे के लिए 3 महिलाओं समेत 11 की हत्या

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया