क्या पीएम केयर्स से पंजाब को भेजे वेंटिलेटर थे खराब? GOI ने बताई फरीदकोट के अस्पताल की सच्चाई

वेंटिलेटर्स खराब होने के दावों को केंद्र ने बताया निराधार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

केंद्र सरकार ने उन खबरों को ‘निराधार’ बताया है जिनमें पंजाब के एक अस्पताल को पीएम केयर्स (PM CARES) फंड से खराब वेंटिलेटर दिए जाने का दावा किया जा रहा था। मामला फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल (GGSMC) से जुड़ा है।

अस्पताल को मिले वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल नहीं होने की खबरें सामने आने के बाद बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के वीसी ने कहा था कि आपूर्ति किए गए ज्यादातर वेंटिलेटर खराब हैं। पीएम केयर्स फंड से अस्पताल को 80 वेंटिलेटर आपूर्ति किए जाने की बात कही गई थी। दावा किया गया था कि इनमें से 71 खराब हैं। इनकी गुणवत्ता इतनी घटिया है कि एक-दो घंटे इस्तेमाल किए जाने पर ये बंद हो जाते हैं। साथ ही अस्पताल के डॉक्टरों का यह भी दावा ​था कि इनका इस्तेमाल करना मरीजों की जान जोखिम में डालना होगा।

गुरुवार (13 मई 2021) को केंद्र ने एक बयान जारी कर इन दावों को आधारहीन बताया। बताया कि फरीदकोट के अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से वेंटिलेंटर खराब हुए हैं। बयान में कहा गया है, “मीडिया में कुछ ऐसी खबरें आई हैं कि भारत सरकार ने जीजीएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, फरीदकोट, पंजाब को (पीएम केयर्स की मदद से) जो वेंटिलेटर भेजे थे, वे तकनीकी खामियों की वजह से बेकार पड़े हैं। निर्माताओं द्वारा बिक्री के बाद तकनीकी मदद नहीं मिलने के कारण इसका समाधान नहीं हो सका है। ये रिपोर्ट्स निराधार लगती हैं।”

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बयान में कहा गया है कि मीडिया की खबरों में कहा जा रहा है कि एग्वा (AGVA) निर्मित 80 वेंटिलेटर में से 71 वेंटिलेटर अस्पताल में बेकार पड़े हैं। केंद्र ने बताया है कि पीएम केयर्स फंड के तहत इस अस्पताल को 88 वेंटिलेटर की आपूर्ति भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और 5 की एग्वा ने की थी। ये वेंटिलेटर सफलतापूर्वक अस्पताल में स्थापित कर शुरू किए गए थे। इस संबंध में अस्पताल के अधिकारियों ने अंतिम स्वीकृति प्रमाण-पत्र भी दिया था।

साथ ही यह भी बताया है कि मीडिया रिपोर्टों के उलट बीईएल ने सूचना दी है कि ज्यादातर वेंटिलेटर खराब नहीं हैं। उनके इंजीनियर कई मौकों पर फरीदकोट के अस्पताल जा चुके हैं और जो भी छोटी-मोटी परेशानी आई थी उसे दुरुस्त कर दिया गया था।

बयान के अनुसार 12 मई को भी बीईएल के इंजीनियर फरीदकोट के अस्पताल गए थे। कुछ चीजों को रिप्लेस कर 5 वेंटिलेटर को अस्पताल अधिकारियों के सामने चालू कर दिखाया था। इन इंजीनियरों के अनुसार अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी मसलन, सेंट्रल ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन में दबाव की समस्या के कारण इस तरह की दिक्कते पैदा हो रही है।

सरकार का कहना है कि अगर वेंटिलेटर्स को सही तरीके से ऑपरेट किया गया तो ये बहुत ही अच्छे से कार्य करेंगे। केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि कोरोना के इस दौर में बीईएल सभी राज्यों को हर प्रकार की तकनीकी सहायता देगा। गौरतलब है कि यह मामला तब सामने आया था जब आप के कुलतार सिंह संधवान ने मंगलवार को बेकार पड़ी वेंटिलेटर्स की तस्वीरों को ट्वीट किया था। मामले के तूल पकड़ने के बाद वीसी ने खराब वेंटिलटर्स मिलने का दावा किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया