पादरियों की हत्या होती तो बोलतीं… संतों की मॉब लिंचिंग पर सोनिया गाँधी को अर्नब ने घेरा

पालघर में संतों की मॉब लिंचिंग पर अर्नब ने सोनिया गॉंधी को घेरा

महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं सहित तीन लोगों की भीड़ ने निर्मम तरीके से हत्या कर दी। लेकिन कॉन्ग्रेस चुप रही, क्योंकि राज्य में वह शिवसेना के साथ सत्ता में साझीदार है। इस मॉब लिंंचिंग पर चुप्पी को लेकर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गॉंधी को घेरते हुए ‘रिपब्लिक टीवी’ के संस्थापक अर्नब गोस्वामी ने तीखे सवाल पूछे हैं।

अर्नब ने कहा कि इस मामले में मीडिया का रवैया काफ़ी पक्षतापूर्ण है। कोरोना वायरस पर तो सभी न्यूज़ चैनल कार्यक्रम कर रहे हैं। लेकिन साधुओं की मॉब लिंचिंग पर सारे के सारे मौन धारण किए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी पर भी निशाना साधा और उनसे सवाल पूछे।

अर्नब ने याद दिलाया कि देश की 80% जनसंख्या सनातन धर्म को मानती है। सनातनी है। वे साधुओं की क्रूरता से की गई हत्या से व्याकुल दिखे। अर्नब ने कहा कि आज भारत में हिन्दू होना और भगवा वस्त्र धारण करना पाप हो गया है।

मॉब लिंचिंग पर सोनिया गॉंधी को घेरते हुए उन्होंने पूछा कि अगर किसी मौलवी या किसी पादरी की इस तरह से हत्या की गई होती तो क्या मीडिया, सेक्युलर गैंग व राजनीतिक दल आज शांत होते? एक पैनलिस्ट ने जवाब दिया कि अगर ऐसा होता तो अब तक पता नहीं क्या-क्या जला दिया गया होता।

इसके बाद अर्नब ने पूछा कि अगर पादरियों की हत्या होती तो क्या ‘इटली वाली एंटोनिया माइनो’ चुप रहतीं? इस दौरान पैनल में ‘तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त’ पर ठुमके लगाने वाले और ख़ुद को संभल स्थित कल्कि धाम का पीठाधीश्वर बताने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णन भी मौजूद थे। वे कॉन्ग्रेस नेता भी हैं।

अर्नब ने उनसे कहा कि अगर किसी पादरी की हत्या होती तो आपकी पार्टी और आपकी पार्टी की ‘रोम से आई हुई, इटली वाली’ सोनिया गाँधी बिलकुल चुप नहीं रहतीं। अर्नब ने दावा किया कि मॉब लिंचिंग पर सोनिया गाँधी आज चुप हैं तो इसका मतलब है कि वो मन ही मन में खुश भी हैं। मॉब लिंचिंग पर सोनिया गॉंधी की चुप्पी को लेकर अर्नब ने कहा:

“सोनिया गाँधी तो खुश हैं। वो इटली में रिपोर्ट भेजेंगी कि देखो, जहाँ पर मैंने सरकार बनाई है, वहाँ पर हिन्दू संतों को मरवा रही हूँ। वहाँ से उन्हें वाहवाही मिलेगी। लोग कहेंगे कि वाह, सोनिया गाँधी ने अच्छा किया। इनलोगों को शर्म आनी चाहिए। क्या उन्हें लगता है कि हिन्दू चुप रहेंगे? आज प्रमोद कृष्णन को बता दिया जाना चाहिए कि क्या हिन्दू चुप रहेंगे? पूरा भारत भी यही पूछ रहा है। बोलने का समय आ गया है।”

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बता दें कि अर्नब गोस्वामी ने हाल ही में एक लाइव शो के दौरान ही एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया से त्यागपत्र दे दिया था। अर्नब ने अपने इस्तीफे के लिए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के गिरते हुए मूल्यों को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने व्यक्तिगत पूर्वग्रहों के लिए नैतिकता से समझौता किया है। उन्होंने कहा कि वह काफी लंबे वक्त से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। लेकिन अब यह मात्र कुछ लोगों का समूह है, जिनमें फेक खबरों को फेक कहने का दम नहीं है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया