दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली दंगों में ताहिर हुसैन के गुंडों द्वारा मारे गए आईबी के अंकित शर्मा के परिवार को 1 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि साथ ही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। हालाँकि, अपनी पार्टी के नेता और निगम पार्षद ताहिर हुसैन पर केजरीवाल ने पूरी तरह चुप्पी साधे रखी और कुछ नहीं कहा। दूसरी तरफ़ संसद में भगवंत मान और संजय सिंह सरीखे आप नेता भाजपा को दंगाइयों का सम्मान करने वाला बताते हुए विरोध प्रदर्शन करते नज़र आए।
बता दें कि अंकित शर्मा की लाश चाँदबाग़ स्थित एक नाले से मिली थी। उसी नाले से 3 और शव भी बरामद किए गए थे, जिन्हें मार कर फेंक दिया गया था। मुख्यमंत्री अभी तक पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुँचे हैं और न आम आदमी पार्टी के नेताओं में ताहिर के समर्थन और विरोध के लिए एकमत नहीं है। जहाँ पार्टी ने सस्पेंड कर दिया है, विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने उनका समर्थन किया है।
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal: We are announcing a compensation of Rs 1 crore for the family of Intelligence Bureau official Ankit Sharma and a member of their family will be given a job by Delhi Govt. #DelhiViolence pic.twitter.com/cSAShoKisD
— ANI (@ANI) March 2, 2020
अंकित शर्मा की पोस्टमॉर्टम के मुताबिक, उनके शरीर का एक भी हिस्सा ऐसा नहीं था जिसमें चाकू के गहरे घाव न हों। डॉक्टर ने लिखा था कि 400 से ज़्यादा बार उन्हें चाकुओं से गोदा गया। अरविन्द केजरीवाल ने मुआवजे की घोषणा करते हुए कहा:
“अंकित शर्मा IB के जाँबाज़ अधिकारी थे। दंगो में उनका नृशंस तरीक़े से क़त्ल कर दिया गया। देश को उन पर नाज़ है। दिल्ली सरकार ने तय किया है कि उनके परिवार को 1 करोड़ की सम्मान राशि और उनके परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देंगे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।”
इस क्रूर अमानुषिक हत्याकांड और यातना को अंजाम देने में कम से कम 6 लोगों के शामिल होने की बात सामने आई थी। डॉक्टरों ने कहा था कि अंकित शर्मा को 6 लोगों ने लगातार 2 से 4 घंटे तक 400 बार चाकुओं से गोदा होगा। साथ ही, उनकी आँत को शरीर से बाहर निकाल दिया था। फोरेंसिक डॉक्टरों ने बताया था कि इस तरह से यातना का शिकार और क्षत-विक्षत बॉडी उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा।
प्रत्यक्षदर्शी प्रदीप वर्मा ने ऑपइंडिया को बताया था कि आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद ताहिर हुसैन के घर के पीछे उसके कई गुंडे जमा थे। अंकित उनसे हाथ-पाँव जोड़ कर विनती कर रहे थे कि वो पत्थरबाजी न करें। तभी दंगाई भीड़ अचानक से आगे बढ़ी और उन्होंने मिल कर अंकित की पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद उन्हें पकड़ के घसीटते हुए ताहिर हुसैन की इमारत के भीतर ले जाया गया और हत्या कर दी गई थी।
चश्मदीद प्रदीप वर्मा का बयान जिन्होंने चाकू से गोदकर मारे गए IB अधिकारी को आखिरी बार देखा था
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