शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी प्रवर्तन निदेशालय के सामने आज (दिसंबर 29, 2020) पेश नहीं होंगी। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने केंद्रीय जाँच एजेंसी से 5 जनवरी तक का समय माँगा है। इससे पहले खबर थी कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें 10:30 बजे अधिकारियों के समक्ष पेश होना था। मगर, अब उन्होंने इससे मना कर दिया।
Maharashtra: Shiv Sena MP Sanjay Raut’s wife Varsha will not appear before Enforcement Directorate (ED) today in PMC Bank scam case. She has sought time from the agency till January 5.
— ANI (@ANI) December 29, 2020
बता दें कि संजय राउत की पत्नी से पूछताछ के संबंध में ईडी ने तीसरा समन जारी किया था। इससे पूर्व भी वो दो दफा स्वास्थ्य आधार पर जाँच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुईं थीं। इस मामले को लेकर उनके पति व शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया था, बीजेपी महाराष्ट्र सरकार को गिराने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रही है। वहीं ईडी की नोटिस पर भड़के शिवसैनिकों ने मुंबई के कोलाबा में ईडी दफ्तर के सामने भाजपा प्रदेश कार्यालय का पोस्टर लगाया और शिवसेना भवन के सामने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
ईडी संजय राउत की पत्नी वर्षा से क्यों पूछताछ करना चाहती है?
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत की पत्नी वर्षा को पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (PMC) घोटाला मामले में जाँच में शामिल होने के लिए समन जारी किया था। इस समन में उन्हें आज यानी 29 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा गया था। रिपोर्ट्स में बताया गया था कि प्रवीण राउत नाम के एक अन्य आरोपित की पत्नी के साथ वर्षा राउत का 50 लाख रुपए का लेन-देन संदेह के घेरे में है।
संजय राउत के नजदीकी प्रवीण राउत को कुछ दिन पहले ईडी ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद बताया गया कि प्रवीण राउत के अकाउंट से कुछ ट्रांजेक्शन वर्षा राउत के अकाउंट में हुआ। अब इसी संबंध में ईडी जानकारी जुटाना चाह रही है। प्रवर्तन निदेशालय जानना चाहती है कि ये ट्रांजेक्शन कैसे हुआ है और इसके पीछे का कारण क्या है? पूरी जानकारी जुटाने के लिए ही वर्षा राउत को समन किया गया था। मगर उन्होंने इस बार पेश होने की बजाय आगे का समय माँग लिया।
क्या है PMC बैंक का पूरा मामला?
पिछले साल सितंबर में रिजर्व बैंक को पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) में हो रहे कथित घोटाले का पता चला था। इसके बाद आरबीआई ने बैंक से पैसे की निकासी पर सीमा लगा दी थी। भारतीय रिज़र्व बैंक को पता चला था कि पीएमसी बैंक मुंबई के एक रियल इस्टेट डेवलेपर को क़रीब 6500 करोड़ रूपए ऋण देने के लिए नकली बैंक खातों का उपयोग कर रहा है।