महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने सीएए का विरोध करने के लिए ऐसा झूठ बोला है, जो बताता है कि या तो उन्होंने वो क़ानूनी संशोधन पढ़ा ही नहीं है या फिर पढ़ कर भी जानबूझ कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि मीडिया उनका झूठ पकड़ने के बावजूद उनकी आलोचना नहीं करेगा या जनता के सामने लेकर नहीं जाएगा। शरद पवार ने झूठ बोला है और फैक्ट-चेक का दावा करने वाले तमाम मीडिया संस्थानों ने उस ओर से आँख मूँद लिया है। सीएए को लेकर पवार ने पूछा है कि खाड़ी देशों में कमाने गए भारतीय मुस्लिम वापस कैसे आएँगे?
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बात अपनी पार्टी के दफ्तर में कही। दो पूर्व विधायकों हरिभाऊ बधे व अर्जुन सलगर ने रविवार (मार्च 8, 2020) को एनसीपी का दामन थामा। इस अवसर पर पवार ने कहा कि ये दोनों पिछड़े समुदायों के उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत हैं। पवार ने इस मौके का इस्तेमाल राष्ट्रीय मुद्दों पर बात करने के लिए किया और कहा कि देश आज कई समस्याओं से जूझ रहा है। बकौल पवार, आज समाजिक एकता ख़तरे में है और इसे बरक़रार रखना एक चुनौती है, जो चिंता का विषय बनता जा रहा है।
साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ये आरोप लगाने से भी नहीं चूके कि केंद्र सरकार अपनी सारी शक्तियों का इस्तेमाल एक ख़ास अल्पसंख्यक तबके को निशाना बनाने के लिए कर रही है। पवार का मानना है कि देश के मुस्लिमों से ये साबित करने को कहा जा रहा है कि वो इस देश के नागरिक हैं या नहीं? इसी दौरान पवार झूठ बोल गए। उन्होंने कहा कि भारत के कई लोग अरब देशों में रहते हैं, वहाँ कमाने जाते हैं। रुपए कमा कर वो वापस आ जाते हैं, सदा के लिए वहाँ नहीं रहते।
शरद पवार ने दावा किया कि सीएए के तहत हिन्दुओं, सिखों, ईसाईयों, बौद्ध और जैन के वापस आने का प्रावधान तो है लेकिन अरब देशों में कमाने गए मुस्लिम कैसे वापस लौटेंगे क्योंकि उनके बारे में कुछ लिखा ही नहीं हुआ है। उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम समुदाय को जबरन इस सूची से बाहर रखा गया है। जबकि सीएए शरणार्थियों के लिए है, इसका भारतीय नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं। ऐसे में जो पहले से भारतीय नागरिक हैं, पवार उन्हें सीएए का डर दिखा रहे हैं।
आखाती देशांत ५० टक्के भारतीय दिसतात. गेलेत ते कायमचे राहात नाहीत. दोन पैसे मिळवून पुन्हा येतात. येणाऱ्यांची गटवारी करून त्याचा कायदा पार्लमेंटमध्ये केला. हिंदू, शीख, पारशी, ख्रिश्चन, बौद्ध, जैन यांना परदेशातून येण्याची परवानगी दिली. केवळ मुस्लिम समाज यातून वगळण्यात आला. pic.twitter.com/HOdYlS84O2
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) March 8, 2020
आश्चर्य तो इस बात का कि शरद पवार के इस झूठ का मीडिया ने भी पर्दाफाश नहीं किया। पवार ने झूठ बोल कर सीएए का डर दिखाया लेकिन लिबरल गिरोह भी कुछ नहीं बोल रहा। जैसा कि ट्रेंड रहा है, मीडिया पवार के इस बयान को छिपाने में लगा हुआ है।