बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के उप-मुख्यमंत्री रहते अपने आवास के लिए किए गए इंतजाम बिहार की राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन रहे हैं। कहा जा रहा है कि देशरत्न मार्ग पर स्थित बंगले में तेजस्वी ने सुख-सुविधा के साजो-सामान पर बेहिसाब ख़र्च किए। उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने द्वारा लगाए उन आरोपों को दुहराया है, जिसमें उन्होंने तेजस्वी के बेहिसाब ख़र्चे को लेकर सवाल खड़े किए थे। मोदी का कहना है कि तेजस्वी ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए ये ख़र्चे किए। उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी ने ब्रिज कंट्रक्शन कॉर्पोरेशन से अपने घर में 50 लाख रुपए के फर्नीचर फिट करवाए। उन्होंने यह भी दावा किया कि अपने आवास नवीकरण में भी तेजस्वी ने करोड़ों ख़र्च किए।
बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने आँकड़ों सहित इन चीजों को गिनाते हुए कहा, “किस नियम के तहत तेजस्वी ने अपने घर में 44 AC (जिनमें से कुछ बाथरूम में भी थे), 35 क़ीमती लेदर सोफे, 464 फैंसी LED लाइट्स, 108 पंखे, क़ीमती बिलियर्ड्स टेबल, दीवालों पर महँगी लकड़ियों के पैनल और इम्पोर्टेड ग्रेनाइट फ्लोरिंग- यह सब लगवाए?” सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी द्वारा अपने घर में 7 सितारा होटल जैसी सुविधाएँ लगवाने के कारण ही बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट को मंत्रियों द्वारा इस तरह के ख़र्चे को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करना पड़ा, ताकि भविष्य में ऐसा न हो।
SuMo says Tejashwi lavishly spent govt funds on bungalow… pic.twitter.com/svSympbise
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 23, 2019
सुशील मोदी ने कहा कि अगर तेजस्वी ने अपने बंगले पर बेहिसाब ख़र्चे नहीं किए होते तो शायद सुप्रीम कोर्ट को उन पर बंगला खाली करने के लिए 50,000 का जुर्माना नहीं लगाना पड़ता। हालाँकि, बीसीडी के मुख्य सचिव चंचल कुमार ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि बीसीडी द्वारा जारी किए गए फंड्स को विभिन्न चीजों के लिए विभिन्न समय ख़र्च किया गया। उन्होंने दावा किया कि जारी किए गए बजट से ज्यादा ख़र्चे नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि अगर इन सारे रुपयों को एक साथ ख़र्च किया गया होता तो इसके लिए कैबिनेट या वित्त विभाग की अनुमति लेनी पड़ती। चंचल कुमार ने कहा कि इस सम्बन्ध में कोई जाँच नहीं बैठाई गई है।
बता दें कि चंचल कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी मुख्य सचिव हैं। मुख्यमंत्री के विश्वस्त माने जाने वाले चंचल कुमार पिछले कई वर्षों से इसी पद पर बने हुए हैं। चंचल द्वारा तेजस्वी को क्लीन चिट देने के पीछे नीतीश कुमार और भाजपा के बीच कड़वाहट के रूप में भी देखा जा रहा है। तेजस्वी का देशरत्न मार्ग पर स्थित बंगला मुख्यमंत्री नीतीश के आधिकारिक निवास के बगल में ही स्थित था। ये बंगला तेजस्वी को उप-मुख्यमंत्री रहते जनवरी 2016 को आवंटित किया गया था। भाजप-जदयू की फिर से सरकार बनने के बाद 2017 में इस बंगले को सुशील मोदी को आवंटित किया गया।
बंगला मामले में सरकार ने तेजस्वी को नहीं दी क्लीनचिट… pic.twitter.com/ozKd6fzbX6
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तेजस्वी यादव इस बंगले को खाली करने के लिए तैयार नहीं थे और मामला अदालत तक पहुँचा था। अंततः, सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी पर जुर्माना लगाते हुए उन्हें इस बंगले को खाली करने का आदेश दिया था। उससे पहले पटना हाईकोर्ट ने भी उन्हें बंगला खाली करने का आदेश दिया था लेकिन तेजस्वी उस निर्णय के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए थे।