Saturday, November 23, 2024
Homeराजनीतिसंजय राउत ने जब बना दिया ‘धोबी का कुत्ता’, तब उद्धव का इशारा- BJP...

संजय राउत ने जब बना दिया ‘धोबी का कुत्ता’, तब उद्धव का इशारा- BJP से गठजोड़ की उम्मीद

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद सबसे बड़ा धक्का शिवसेना को लगा है। जहाँ मीडिया के बीच संजय राउत सरीखे शिवसेना नेता अपने पास बहुमत के लिए ज़रूरी विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रहे थे, वहीं...

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद सबसे बड़ा धक्का शिवसेना को लगा है। जहाँ मीडिया के बीच संजय राउत सरीखे शिवसेना नेता अपने पास बहुमत के लिए ज़रूरी विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रहे थे, राज्यपाल के समक्ष उन्होंने अतिरिक्त समय की माँग की। शिवसेना ने राज्यपाल से 48 घंटे का अतिरिक्त समय माँगा, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद पार्टी अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई है, जहाँ कपिल सिब्बल वकील के रूप में राज्यपाल के फ़ैसले के ख़िलाफ़ जिरह करेंगे। इस बीच विधानसभा को निलंबन की अवस्था में रखा गया है। राज्यपाल ने केंद्र को भेजे गए रिपोर्ट में बताया कि चूँकि सभी दलों को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया और वो विफल रहे, राज्य में राष्ट्रपति शासन आवश्यक हो गया है।

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के इस निर्णय पर तंज कसा है। उद्धव ने कहा कि उन्होंने तो बस 48 घंटे ही माँगे थे लेकिन राज्यपाल ने पूरे 6 महीने दे दिए हैं। उद्धव ने कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ किसी फॉर्मूले पर पहुँचेगी। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे शिवसेना ने भाजपा के ‘बुरे दिनों’ में भी उसका साथ दिया। उद्धव ने स्पष्ट कर दिया कि एनसीपी और कॉन्ग्रेस से उनकी बातचीत चल रही है। उद्धव ने दावा किया कि भाजपा उनके पास रोज नए ऑफर लेकर आ रही है और अभी भी गठजोड़ की उम्मीद है। उधर जयपुर में रुके कॉन्ग्रेस विधायकों को वापस मुंबई बुलाया जा रहा है। मतलब कौन, कब, क्या बोल रहा है… किसी को भी नहीं पता। सत्ता के लिए जहाँ से भी समर्थन मिल सके, उन सब के लिए सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की बातें बोलते जाना है – हर दिन – फिलहाल यही दिख रहा है।

शरद पवार के साथ कॉन्ग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल ने बैठक की। बैठक के बाद अहमद पटेल ने कहा कि कॉन्ग्रेस और एनसीपी पहले अंदरूनी बैठकें करेंगे और फिर शिवसेना से बात करेंगे क्योंकि सही तरीके से सरकार चलाने के लिए ये ज़रूरी है। उधर गृह मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन क्यों लगा? कुछ लोगों का पूछना था कि एनसीपी को 24 घंटे, यानी मंगलवार (नवंबर 12, 2019) को रात 8.30 तक का समय दिया गया था, फिर उस समय तक इंतजार क्यों नहीं किया गया? गृह मंत्रालय ने कहा कि एनसीपी नेताओं ने मंगलवार को सुबह 11.30 में ही राज्यपाल से मुलाक़ात कर अतिरिक्त 3 दिन के समय की माँग की थी, जिसके बाद ये निर्णय लिया गया।

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया कि राज्यपाल ने सरकार गठन के लिए नियमानुसार सारे प्रयास किए और सभी दलों को उचित मौक़ा दिया। राज्यपाल ने पाया कि सभी दल सरकार बनाने में अक्षम साबित हुए। जबकि कॉन्ग्रेस का आरोप है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार गठन के किए सारे विकल्पों को आजमाए बिना जल्दबाजी में राष्ट्रपति शासन को अनुशंसा कर दी।

महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि वो राज्यपाल के इस ‘पक्षपाती रवैये’ की निंदा करते हैं। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है जबकि शिवसेना 56 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। एनसीपी को 54 और कॉन्ग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। शिवसेना और भाजपा के चुनाव-पूर्व गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला लेकिन शिवसेना ने अपनी पार्टी से सीएम होने की जिद पकड़ ली, जिसके बाद ये राजनीतिक गतिरोध पैदा हुआ।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद बांग्लादेश का इस्लामीकरण: सरकार बनाएगी मदीना की तरह मस्जिद, इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद की निंदा पर सजा-ए-मौत...

बांग्लादेश में इस्लामीकरण में अब युनुस सरकार के अलावा न्यायपालिका भी शामिल हो गई है। हाई कोर्ट ने ईशनिंदा पर मौत की सजा की सिफारिश की है।

संभल में मस्जिद का हुआ सर्वे तो जुमे पर उमड़ आई मुस्लिम भीड़, 4 गुना पहुँचे नमाजी: सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन निगरानी

संभल में विवादित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज पर सामान्य दिनों के मुकाबले 4 गुना मुस्लिम आए। यह बदलाव मंदिर के दावे के बाद हुआ।
- विज्ञापन -