उत्तर प्रदेश में दंगाइयों से हर्जाना वसूलने के लिए अध्यादेश लाएगी योगी सरकार, कैबिनेट ने लगाई मुहर

योगी आदित्यनाथ सरकार दंगाइयों से वसूली के लिए लाएगी अध्यादेश

उत्तर प्रदेश सरकार और देश के सुप्रीम कोर्ट के बीच बढ़ते पोस्टर विवाद के बीच प्रदेश सरकार ने हिंसा अथवा दंगे के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को आगजनी या तोड़फोड़ के जरिए नुकसान पहुँचाने वालों के खिलाफ अध्यादेश लाने का फैसला किया है। आज शुक्रवार 13 मार्च को यूपी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में ‘उत्तर प्रदेश रिकवरी फ़ॉर डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट अध्यादेश-2020’ अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दे दी। संभावना जताई जा रहा कि इस अध्यादेश में नुकसान की वसूली के साथ ही सज़ा आदि का प्रावधान भी होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कबीना मंत्री सुरेश खन्ना ने एक न्यूज़ एजेंसी को ये जानकारी दी।

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याद रहे कि उत्तर प्रदेश में नए नागरिकता कानून के विरोध में 20 दिसंबर को हुई हिंसा के दौरान बड़े पैमाने पर आगजनी की गई थी जिसमें करोड़ों की सार्वजनिक व निजी संपत्ति को दंगाइयों ने नुकसान पहुँचाया था। प्रदेश सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए वसूली की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन उसमें मौजूदा कानूनों के तहत कुछ विधिक दिक्कतें आ रही थीं।

योगी सरकार ने हिंसा के आरोपितों के पोस्टर भी लगाए थे जिसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपत्ति जताते हुए पोस्टर हटाने के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ प्रदेश सरकार फिलहाल सुप्रीम कोर्ट गई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के इस कदम को जायज करार देने से इंकार किया था और इस मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया था। इसी के बाद योगी सरकार ने इस संबंध में अध्यादेश लाने का निर्णय लिया है जिसे विधानसभा सत्र शुरू होने पर इस अध्यादेश को विधिक रूप दिया जाएगा।

गौरतलब है कि नए नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर प्रदर्शनकारियों ने 19 दिसंबर को लखनऊ में हिंसा की घटना को अंजाम दिया था। इस दौरान दंगाइयों ने शहर में हिंसा फैलाते हुए सरकार की करोड़ों रुपए की सम्पत्ति को तहस-नहस कर दिया था। लखनऊ में 19 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि वे हिंसा में किसी भी निर्दोष को हाथ नहीं लगाएँगे, लेकिन जिन्होंने हिंसा की है, उन्हें किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि प्रदेश में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया गया है, उसकी भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति से ही की जाएगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया