जहाँ CISF पर हमला-BJP वर्करों की हत्या, उस कूच बिहार में बंगाल के गवर्नर: असम भी जाएँगे, ममता नाराज

पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ कूच बिहार पहुँच गए हैं। वे राजनीतिक हिंसा के पीड़ितों से मिलेंगे। उन्होंने कहा है कि संविधान की रक्षा और उसका पालन करवाना उनका दायित्व है। कूच बिहार से मतगणना के बाद बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या की खबर आई थी।

मिंटू बर्मन की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। वहीं कूच बिहार के सीतलकूची में माइक मोइत्रा नाम के भाजपा कार्यकर्ता की मतगणना के बाद हत्या कर दी गई थी। सीतलकूची वही जगह है जहाँ अप्रैल में मतदान के दिन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) पर 300-350 की भीड़ ने हमला किया था। हथियार छीनने की कोशिश की थी। सीआईएसएफ ने ‘आत्मरक्षा’ में गोली चलाई थी जिसमें चार उपद्रवी मारे गए थे।

सीतलकुची में ही मतदान के दिन 18 साल के आनंद बर्मन की गोली मार दी गई थी। कूच बिहार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) देबाशीष धर ने उस समय कहा था, “मृतक आनंद बर्मन, 18 वर्ष का हो चुका था। वह पहली बार मतदान करने आया था।” उसे तब गोली मारी गई थी जब वह वोट गिराने के लिए मतदान केंद्र के बाहर कतार में खड़ा था।

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10 मई को धनखड़ ने बताया था कि राज्य के हालात बेहद चिंताजनक हैं। राजनीतिक बदले की हिंसा, आगजनी, लूट की घटनाएँ डराने-धमकाने और जबरन वसूली तक पहुँच गई है। उन्होंने प्रभावित इलाकों में जाने की जानकारी देते हुए कहा था कि इसमें राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही। उन्होंने कहा था, “अपने संवैधानिक दायित्वों के तहत मैंने प्रभावित इलाकों का दौरा करने का फैसला किया है। इस संबंध में राज्य सरकार से आवश्यक इंतजाम करने को कहे। लेकिन, राज्य सरकार की प्रतिक्रिया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी।”

राज्यपाल ने पड़ोस के असम जाने की बात भी कही है। बंगाल में चुनाव बाद भड़की हिंसा के कारण हजारों लोग अपना घर छोड़कर असम चले गए थे। वहाँ शिविरों में उन्होंने शरण ले रखी है। बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की मुखिया ममता बनर्जी ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने राज्यपाल पर राजनैतिक मर्यादाओं के उल्लंघन का आरोप लगाया है। गवर्नर के कूच बिहार दौरे को लेकर भी उन्होंने कहा है कि यह नियमों का उल्लंघन है। राज्यपाल अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में दो मई को टीएमसी की जीत सुनिश्चित होते ही हिंसा भड़क उठी थी। विपक्षी दलों खासकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं, उनके घरों और दफ्तरों को निशाना बनाया गया था। हिंसा का आरोप सत्ताधारी टीएमसी के गुंडों पर हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पिछले दिनों राजनीतिक हिंसा में अलग-अलग दलों के 16 लोगों की मौत की बात स्वीकार की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया