नारदा केस में गिरफ्तारियों के बाद पश्चिम बंगाल में नया राजनीतिक ड्रामा शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय के बाहर बैठी हुई हैं। सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं ने जाँच एजेंसी के दफ्तर पर पत्थरबाजी की। बैरिकेड तोड़कर भीतर दाखिल होने की कोशिश की।
सोमवार (17 मई 2021) की सुबह सीबीआई को ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को पूछताछ के लिए अपने दफ्तर ले गई। बाद में इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इनको ले जाने की खबर आते ही ममता बनर्जी भी सीधे CBI दफ्तर पहुँच गईं। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की चुनौती भी एजेंसी को दी है। टीएमसी ने सीबीआई पर बदले के तहत कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
https://twitter.com/ANI/status/1394218977946062853?ref_src=twsrc%5Etfwपश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीबीआई दफ्तर के बाहर आगजनी और पथराव के बावजूद पुलिस के मूकदर्शक बने रहने पर नाराजगी जताई है। उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार नेता घोटाले के वक्त ममता सरकार में मंत्री थे और इनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर धनखड़ पहले ही CBI को अनुमति दे चुके हैं।
https://twitter.com/ANI/status/1394204774556266498?ref_src=twsrc%5Etfwसमाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, वकील अनिंदो राउत ने दावा किया है कि उन्होंने ममता बनर्जी को अधिकारियों से यह कहते सुना कि स्पीकर और राज्य सरकार की अनुमति के बिना मंत्रियों और विधायकों की गिरफ्तारी कोई नहीं कर सकता।
इस पहले मुख्य सूचना आयुक्त आरसी जोशी ने बताया था कि सीबीआई ने इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर 16 अप्रैल 2017 को मामला दर्ज किया था। अब इस मामले में फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया है। ये सभी उस समय बंगाल सरकार में मंत्री थे। कोलकाता के निज़ाम पैलेस स्थित CBI दफ्तर में इन चारों से पूछताछ की जा रही है।
गौरतलब है कि बंगाल में साल 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक हुए था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। इन स्टिंग्स में टीएमसी नेताओं को कथित तौर पर कंपनी के प्रतिनिधियों से रुपए लेते हुए देखा गया था। स्टिंग्स सामने आने के बाद राज्य में खूब बवाल मचा, जिसके बाद यह मामला हाई कोर्ट पहुँचा था। इसके बाद मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी गई थी। मैथ्यू सैमुअल सीबीआई द्वारा टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी का स्वागत किया है। साथ ही तत्कालीन मंत्री और वर्तमान में बीजेपी विधायक दल के नेता शुभेंदु अधिकारी की गिरफ्तार नहीं होने पर सवाल भी उठाया है।