तालिबान का मजार-ए-शरीफ पर भी कब्जा, कंधार व हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावासों को सुरक्षा का हवाला दे किया बंद

तालिबान ने मजार-ए-शरीफ पर किया कब्जा

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा दिन प्रतिदन बढ़ता ही जा रहा है। कंधार पर कब्जे के बाद उसने बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। विद्रोहियों के चौतरफा हमले के बाद प्रांत की राष्ट्रीय सेना ने सरेंडर कर दिया, जिसके बाद सरकार की समर्थक सेनाओं ने भी आत्म समर्पण कर दिया है।

अफगान सांसद अबास इब्राहिमजादा ने इसकी जानकारी दी। सांसद के मुताबिक, इस्लामिक तालिबानी आतंकियों ने शहर की सभी प्रमुख इमारतों और राजभवन पर कब्जा कर लिया है। मजार-ए-शरीफ अफगानिस्तान का चौथा सबसे बड़ा शहर है। उसने फरयाब प्रांत की राजधानी मैमाना पर भी कब्जा कर लिया है। प्रांत की सांसद फौजिया रऊफी का कहना है कि तालिबानी लड़ाकों ने मैमाना के चारों ओर बीते एक महीने से डेरा डाल रखा था औऱ उसके कुछ लड़ाके शहर में पहले ही घुस गए थे।

जलालाबाद पर भी किया कब्जा

तालिबान ने रविवार (15 अगस्त 2021) को जलालाबाद पर भी कब्जा कर लिया, जिससे काबुल सरकारी नियंत्रण में एकमात्र प्रमुख शहर बचा है। इसी के साथ अफगान सरकार द्वारा नियंत्रित क्षेत्र और सिकुड़ गया, क्योंकि इस पूर्वी शहर पर विद्रोहियों द्वारा लड़ाई के बिना कब्जा कर लिया गया था। एक पश्चिमी अधिकारी ने कहा कि राजधानी के बाहर आखिरी बड़े शहर के गिरने से विद्रोहियों के लिए अफगानिस्तान को पाकिस्तान से जोड़ने वाली सड़कें सुरक्षित हो गईं। वहीं अब काबुल का पूर्व से संपर्क भी कट गया है।

भारतीय वाणिज्य दूतावासों को बंद किया

तालिबान काबुल के काफी करीब पहुँच गया है। इस बीच खबर सामने आई है कि उसने कंधार और हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया है। दरअसल, इन शहरों में भारतीय वाणिज्य दूतावासों ने कुछ इमारतों को किराए पर लिया था। तालिबान ने इन सभी को सुरक्षा की दृष्टि से खतरा बताते हुए बंद कर दिया है। बावजूद इसके कि उसने पूरी दुनिया को इस बात का भरोसा दिलाया था के उसके लड़ाके किसी भी देश के दूतावासों औऱ राजदूतों को निशाना नहीं बनाएँगे।

गौरतलब है कि तालिबान ने एक तरफ अफगानिस्तान में भारत सरकार द्वारा किए गए कार्यों की तारीफ की थी तो दूसरी ओर उसने भारत सरकार को सैन्य कार्रवाई के लिए धमकी भी दी थी। तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा था कि अफगानिस्तान में सैनिक गतिविधियों का अंजाम भारत ने भी देखा होगा, इसीलिए अब ये उनके ऊपर है। तालिबानी प्रवक्ता ने ये भी कहा था कि भारतीय प्रतिनिधियों से तालिबान के मिलने की खबर आई है, लेकिन वो इसकी पुष्टि नहीं कर सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया