हैरी पॉटर की रचना करने वाली ब्रिटिश लेखिका जेके रोलिंग के चैरिटेबल संगठन ‘द वॉलन्ट चैरिटेबल ट्रस्ट’ ने खालिस्तानी समर्थक खालसा एड को भारत में Covid-19 राहत कार्यों के नाम पर अच्छा-खासा दान दिया है। खालसा एड ने ट्विटर पर इसकी सूचना देते हुए लिखा कि जेके रोलिंग के चैरिटेबल ट्रस्ट से मिले ‘सिक्स फिगर डोनेशन’ के लिए संगठन आभारी है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रोलिंग ने उन लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी बच्चों की किताब The Ickabog खरीदा है।
पिछले कई दिनों से खालसा एड भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने में सहायता का दावा कर रहा है और इसके लिए लोगों से डोनेशन की अपील भी कर रहा है।
Once again, a huge thank you to everyone who bought a copy of The Ickabog. As a result, my charitable trust continues to be able to support those worst affected by the pandemic #COVIDIndia https://t.co/UZTEiqMfDZ
— J.K. Rowling (@jk_rowling) May 13, 2021
हमने विस्तार में रिपोर्ट दी थी कि खालसा एड पर खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े होने का आरोप है। दिसंबर 2012 में NIA ने इस संबंध में मामला भी दर्ज किया था। खालसा एड पर आरोप है कि वह BKI से जुड़े कुछ संगठनों में से एक है और BKI के भारतीय सदस्यों को आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग करता है। बब्बर खालसा हिंसा के द्वारा भारत में एक स्वतंत्र सिख राज्य स्थापित करने का उद्देश्य रखता है और भारत में कई आतंकी हमलों के लिए भी जिम्मेदार है। ट्रम्प प्रशासन ने भी BKI को अमेरिका के हितों के लिए खतरा बताया था।
इसके अलावा खालसा एड ने स्वयं यह स्वीकार किया था कि संगठन संघर्ष प्रभावित सीरिया में राहत कार्यों के नाम पर दान लेने के बाद भी सीरिया गया ही नहीं था। संगठन केरल और बांग्लादेश में भी राहत कार्यों का दावा करता है, किन्तु संगठन की आर्थिक जानकारियों में कहीं भी इन स्थानों में संगठन के द्वारा किए गए किसी भी राहत कार्य का कोई उल्लेख नहीं है।
एक व्यक्ति ने खालसा एड के प्रमुख रवि सिंह पर राहत कार्यों के नाम पर लोगों से दान लेने का आरोप लगाया है। उस व्यक्ति के अनुसार गरीबों की सहायता और कई स्थानों पर पीड़ितों के नाम पर खालसा एड और उसके सीईओ लोगों से सहायता लेते हैं और उसका थोड़ा सा हिस्सा ही राहत कार्यों में खर्च करते हैं। दान में प्राप्त राशि का एक बड़ा हिस्सा निजी और दूसरे अन्य उद्देश्यों के लिए खर्च किया जाता है। आरोप लगाने वाले व्यक्ति का कहना है कि खालसा एड के प्रोजेक्ट्स में कई धांधलियाँ हैं और उनकी कार्यप्रणाली में कोई भी पारदर्शिता नहीं है।