क्या चीन महिलाओं को हथियार बनाकर दूसरे देश की सरकारों में घुसपैठ कर रहा है? यह सवाल खड़ा हुआ है एक मीडिया खुलासे से। इसके मुताबिक चीनी जासूस क्रिस्टीन फेंग उर्फ फेंग फेंग (Fang Fang) ने अमेरिकी नेताओं से जिस्मानी रिश्ते बनाकर उनसे गोपनीय सूचनाएँ निकालने की कोशिश की।
इससे पहले नेपाल में चीन की राजदूत होऊ यांगी को लेकर खबरें आईं थी कि उन्होंने वहाँ की सरकार में जबर्दस्त प्रभाव बना रखा है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और आर्मी चीफ जनरल पूर्ण चंद्र थापा उनकी कठपुतली हैं। यांगी की दखल आर्मी हेडक्वार्टर से पीएमओ तक बराबर बताई जाती है।
Axios डॉटकॉम ने खुलासा किया है कि चीन की जासूस मानी जाने वाली क्रिस्टीन फेंग ने कैलिर्फोनिया के नेताओं को निशाना बनाया था। इनमें प्रतिष्ठित डेमोक्रेटिक सांसद और संसद की इंटेलीजेंस कमिटी के सदस्य एरिक स्वैलवेल (Eric Swalwell) भी हैं। बताया जा रहा है कि फेंग के 2015 में अमेरिका छोड़ने से पहले स्वैलवेल के साथ अंतरंग संबंध थे। हालाँकि स्वैलवेल लगातार इस सवाल से बच रहे हैं कि क्या सेक्स के बदले उन्होंने फेंग के साथ ‘गोपनीय जानकारी’ साझा की थी या नहीं।
रिपोर्ट के अनुसार फेंग ने फंड रेजिंग कैंपेन, अपने व्यापक नेटवर्क, आकर्षक व्यक्तित्व और रोमांटिक तथा जिस्मानी रिश्ते स्थापित कर राजनेताओं से संपर्क स्थापित किए थे। स्वैलवेल उसके प्रमुख निशाने में से एक बताए जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2014 में उनके चुनाव के वक्त उसने फंड रेजिंग कैंपेन चलाए। हालाँकि इसमें उसने स्वयं किसी तरह का योगदान नहीं किया और न ही कुछ गैर कानूनी काम हुआ। स्वैलवेल को 2015 में संघीय जाँचकर्ताओं ने उसकी गतिविधियों को लेकर सतर्क किया था।
Axios को दिए बयान में स्वैलवेल के कार्यालय ने बताया है कि फेंग से वे आठ साल पहले मिले थे और करीब 6 साल से देखा भी नहीं है। यह जानकारी वे एफबीआई को दे चुके हैं। यह भी दावा किया जा रहा है कि सतर्क किए जाने के बाद स्वैलवेल ने पेंग के साथ सभी तरह के रिश्ते खत्म कर लिए थे।
यह भी कहा जा रहा है कि फेंग के अमेरिका के कम से कम दो मेयर से भी रोमांटिक अथवा जिस्मानी रिश्ते थे। एक ओहियो के मेयर बताए जा रहे हैं।एक अभी भी फेंग को अपनी ‘गर्लफ्रेंड’ बताते हैं। फेंग 2015 में अमेरिका छोड़कर चली गई थी। लेकिन रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक पर अभी भी वह स्वैलवेल के परिवार की फ्रेंड लिस्ट में है।
स्वैलवेल का यह भी मानना है कि अमेरिकी चुनावों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका लगने के बाद पैदा हुई स्थिति के के मद्देनजर यह मामला उछाला जा रहा है। स्वैलवेल के अलावे एक और प्रतिष्ठित डेमोक्रेट नेता रो खन्ना के भी फेंग के निशाने पर होने की बात कही जा रही है। यह स्पष्ट नहीं है कि वे भी फेंग के शिकार बने थे या नहीं। जैसा कि वह इंटर्न के तौर पर स्वैलवेल के दफ्तर में जगह बनाने में कामयाब रही थी। वैसे स्वैलवेल का दावा है कि उन्होंने किसी तरह की संवेदनशील जानकारी साझा नहीं की थी।