Saturday, November 23, 2024
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इस्लाम अमनपसंद मजहब है, यह बताने के लिए मुस्लिमों ने ब्लॉक कर दी सड़क: पहली बार न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर पढ़ी गई नमाज

"अपने मजहब का प्रदर्शन करने के लिए लोगों का रास्‍ता रोकने की कोई जरूरत नहीं है"

अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित विश्व प्रसिद्ध टाइम्स स्क्वायर (Times Square) पर पहली बार नमाज पढ़ी गई। शनिवार (3 अप्रैल 2022) को बड़ी संख्या में यहाँ मुस्लिम तरावीह की नमाज (Tarawih Prayers) अदा करने को पढ़े। इसकी वजह से व्यस्त टाइम्स स्क्वायर का रास्ता बंद होने को लेकर विवाद हो गया है। इसके कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हैं।

गल्‍फ टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब सैकड़ों मुस्लिमों ने टाइम्‍स स्‍क्‍वायर पर नमाज पढ़ी है। इस कार्यक्रम के आयोजकों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि अमेरिका में रहने वाले मुसलमान चाहते थे कि रमजान को न्‍यूयॉर्क सिटी के इस बहुचर्चित स्‍थान पर मनाया जाए और लोगों को यह बताया जाए कि इस्‍लाम एक शांतिपूर्ण मजहब है। आयोजकों ने यह भी कहा कि इस्‍लाम को लेकर पूरी दुनिया में कई गलत धारणाएँ हैं।

आयोजकों ने कहा, “हम सभी लोगों को अपने मजहब के बारे में बताना चाहते थे, जो इसके बारे में भली-भाँति नहीं जानते। इस्‍लाम शांति का मजहब है।” रमजान का महीना शनिवार से शुरू हुआ है। चाँद दिखाई देने के बाद रमजान का ऐलान किया गया था। टाइम्‍स स्‍क्‍वायर पर नमाज पढ़ने को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया यूजर्स इसकी कड़ी आलोचना भी कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहने वाले यूएई के हसन सजवानी लिखते हैं, “इस तरह से भीड़-भाड़ वाली जगह पर नमाज पढ़ने से अन्य लोगों को असुविधा होती है। केवल न्यूयॉर्क सिटी (NYC) में ही 270 से अधिक मस्जिदें हैं, और इबादत करने के लिए उचित स्थान हैं। अपने मजहब का प्रदर्शन करने के लिए लोगों का रास्‍ता रोकने की कोई जरूरत नहीं है। इस्‍लाम हमें यह नहीं सीखाता है।”

खलीफा नाम के एक अन्य यूजर ने लिखा, “मैं एक मुसलमान हूँ, लेकिन टाइम्‍स स्‍क्‍वायर पर नमाज पढ़ने का समर्थन नहीं करता हूँ। यह गलत संदेश दे सकता है कि इस्‍लाम ‘आक्रमण’ या घुसपैठ करने वाला है। इसलिए मस्जिदों में ही नमाज पढ़ें।”

कुछ ऐसे भी हैं जो टाइम्‍स स्‍क्‍वायर पर नमाज पढ़ने का समर्थन कर रहे हैं। इनमें से एक सलमान निजामी भी हैं, जो न्यूज चैनलों पर कॉन्ग्रेस का पक्ष रखते नजर आते हैं। ट्विटर पर वीडियो शेयर कर उन्होंने लिखा है, “दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के विश्‍व प्रसिद्ध टाइम्‍स स्‍क्‍वायर की सड़कों पर मुसलमानों ने तरावीह की नमाज अदा की। सहिष्णुता तो तब होती है, जब आप अपनी विविधता का जश्न मनाते हैं। बीजेपी का गुरुग्राम में नमाज पढ़ने से रोकना उनकी कट्टरता को दर्शाता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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