Sunday, November 24, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'जब गैर मजहबी मरते हैं तो खुशी...' - नाइजीरिया का मंत्री, जिसके अलकायदा-तालिबान समर्थन...

‘जब गैर मजहबी मरते हैं तो खुशी…’ – नाइजीरिया का मंत्री, जिसके अलकायदा-तालिबान समर्थन को लेकर विदेशी मीडिया में बवाल

"जब गैर मजहबी मरते हैं तो इसकी खुशी होती है... लेकिन शरीया बिना कारण उन्हें मारने की इजाजत नहीं देता। हमारा उत्साह हमारे पाक मजहब पर हावी नहीं होना चाहिए।"

नाइजीरिया के संचार मंत्री इसा अलियू पंतामी (Isa Aliyu Pantami) को लेकर कुछ दिन पहले विदेशी समाचार में खबर चली कि पंतामी के संबंध बोको हरम नाम के आतंकी संगठन से हैं और अमेरिका की खूफिया एजेंसी ने उन्हें अपनी वॉचलिस्ट में रखा हुआ है। 

अब यूएस खूफिया एजेंसी की वॉचलिस्ट सार्वजनिक नहीं है, इसलिए उस रिपोर्ट के दावों को खारिज कर दिया गया। साथ ही कई अन्य वेबसाइट्स ने फैक्ट चेक करके बिंदुवार तरीके से बताया कि कैसे रिपोर्ट में लिखी बातें गलत हैं जबकि पंतामी का असलियत में बोको हरम से कोई लेना-देना नहीं है। 

इसी बीच इसा को लेकर एक बहस और उठी। इसमें दावा किया गया कि इसा पंतामी भले ही बोको हरम से कोई संबंध न रखता हो, मगर वह अलकायदा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों का खुलकर समर्थन करता है।

इस नई बहस का आधार इसा पंतामी के कुछ पुराने बयान हैं। इसमें वह जिहाद को लेकर कह रहा है, “यह जिहाद हर एक आस्तिक के लिए एक दायित्व है, विशेष रूप से नाइजीरिया में।” आगे वह दुआ करते हुए कहता है, “या अल्लाह, तालिबान और अलकायदा को जीत दिलाओ।”

जाहिर है कि कोई भी शख्स इस प्रकार जिहाद का महिमामंडन और आतंकी समूहों की जीत की प्रार्थना बिना इस्लामी कट्टरपंथी हुए नहीं करेगा। शायद यही वजह है कि जब बोको हरम पर सफाई देते हुए नाइजीरिया के मंत्री ने दावा किया कि वह आतंकियों के ख़िलाफ पिछले 15 साल से बोल रहे हैं, उस समय लोगों को उनकी पुरानी बातें याद आ गईं।

पीपुल गैजेट की रिपोर्ट में एक 2019 में प्रकाशित एक अकादमिक दस्तावेज ‘डिबेटिंग बोको हरम’ का जिक्र है। इसी का हवाला देकर रिपोर्ट में बताया गया कि एक बार पंतामी ने शांति और समझ के नाम पर अहलुस सुन्ना समुदाय के राजनेताओं और धार्मिक नेताओं को बुलाया, लेकिन बातें जिहाद की हुई और अंत में ये दुआ की गई कि अल्लाह तालीबान और अलकायदा को जीत दिलाए।

बता दें कि केवल एक बार ही ऐसा नहीं हुआ, जब इसा ने इस प्रकार खुल कर अलकायदा के लिए बोला, बल्कि साल 2006 में अलकायदा नेता के मरने पर पंतामी ने खेद व्यक्त किया था। इसके अलावा एक समय वह भी था, जब ओसामा बिन लादेन पर विचार पूछे जाने पर पंतामी ने स्वीकारा था कि जब गैर मजहबी मरते हैं तो उन्हें इसकी खुशी होती है… लेकिन शरीया बिना कारण उन्हें मारने की इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा था, “हमारा उत्साह हमारे पाक मजहब पर हावी नहीं होना चाहिए।”

उल्लेखनीय है कि बोको हरम से संबंधों पर न्यूज छापे जाने से इसा नाराज थे। उन्होंने कहा था कि कई प्रकाशकों को वह उन्हें अपमानित करने के लिए कोर्ट में ले जाएँगे। हालाँकि, मालूम हो कि कई रिपोर्टस के अनुसार, 48 साल के इस नाइजीरिया मंत्री को लेकर कहा जाता है कि नाइजीरिया की राजनीति में कदम रखने से पहले इसा कई संस्थानों में जाकर नफरत भरी स्पीच देता था। मगर, साल 2019 में इसे संचार मंत्री बनाया गया, जिसके बाद इस पर आरोप लगे कि वह अपने पद का इस्तेमाल कट्टरपंथ फैलाने के लिए करता रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में BJP की अगुवाई वाली महायुति ने रचा इतिहास, यूपी-बिहार-राजस्थान उपचुनावों में INDI गठबंधन को दी पटखनी: जानिए 15 राज्यों के...

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति ने इतिहास रच दिया। महायुति की तिकड़ी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए बहुमत से सरकार बनाने का रास्ता साफ किया।

अडानी के बाद अमेरिका के निशाने पर एक और भारतीय: न्याय विभाग ने संजय कौशिक पर अमेरिकी एयरक्राफ्ट तकनीक रूस को बेचने का लगाया...

अमेरिका में अडानी समूह के बाद एक और भारतीय व्यक्ति को निशाना बनाया गया है। संजय कौशिक नाम के एक और भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया है।
- विज्ञापन -