पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भोंग के एक हिंदू मंदिर पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने शनिवार (7 अगस्त) को 150 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की खिंचाई के बाद की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार (6 अगस्त) को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे हमलों को रोकने में विफल रहने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया था। अदालत ने कहा कि ऐसी घटनाओं से दुनिया भर में देश की छवि धूमिल हो रही है।
दरअसल, बीते दिनों पंजाब प्रांत के रहीमयार खान जिले के भोंग इलाके में लाठी-डंडे और ईंट-पत्थर लिए सैकड़ों कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों ने गणेश मंदिर पर हमला कर दिया था। उन्मादी भीड़ ने भगवान गणेश और शिव-पार्वती की मूर्तियों को तोड़ दिया था।
रहीमयार खान के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) असद सरफराज ने पत्रकारों को बताया, ”हमने भोंग में कथित रूप से मंदिर पर हमला करने के मामले में अब तक 20 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।” पुलिस अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं, क्योंकि वीडियो फुटेज के माध्यम से आरोपितों की पहचान की जा रही है।
असद सरफराज ने आगे बताया कि मंदिर पर हमला करने के आरोप में 150 से अधिक लोगों के खिलाफ आतंकवाद और पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, ”इस अपराध में शामिल हर संदिग्ध को गिरफ्तार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मंदिर की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है।”
दरअसल, पाकिस्तान के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने शुक्रवार (6 अगस्त) को कहा कि मंदिर में तोड़फोड़ की घटना देश के लिए शर्मनाक है, क्योंकि पुलिस मूक दर्शक की तरह काम कर रही है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में राजनीतिक पार्टियों के गठबंधन ने मिल्ली याकजेहटी काउंसिल (MYC) को कहा, ”उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि हिंदू मंदिर पर हमला किया गया था।” इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साहिबजादा अबुल खैर जुबैर ने इस विषय को हैदराबाद की एक अन्य घटना से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक मुस्लिमों को मंदिरों के बाहर गाय काटने का अधिकार है। साथ ही MYC ने पाकिस्तान में गणेश मंदिर पर हमले की निंदा से भी इनकार किया।