पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहीमयार खान गाँव के गणेश मंदिर में कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा हमला करने और उसे अपवित्र करने के दो दिन बाद शुक्रवार (6 अगस्त) को पाक का चेहरा फिर बेनकाब हो गया। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 22 धार्मिक और राजनीतिक दलों के गठबंधन ने हिंदुओं पर हिंसा और हिंदू मंदिर को निशाना बनाने के कुकृत्य की निंदा तक नहीं की।
राजनीतिक पार्टियों के गठबंधन ने मिल्ली याकजेहटी काउंसिल (MYC) को कहा, ”उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि हिंदू मंदिर पर हमला किया गया था।” इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साहिबजादा अबुल खैर जुबैर ने इस विषय को हैदराबाद की एक अन्य घटना से जोड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया, ”हैदराबाद में एक मंदिर के सामने एक मुस्लिम परिवार रहता है। इस क्षेत्र में कुछ हिंदू परिवार भी रहते थे और उन्होंने अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराई कि मंदिर के सामने बलि देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जबकि बहुसंख्यकों को इसका अधिकार है।”
जुबैर ने आगे कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को इस्लामी कानूनों (शरिया) के तहत ‘संरक्षित’ किया जाता है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय (मुसलमानों) के ‘अधिकारों’ से भी इनकार नहीं किया जाना चाहिए। मालूम हो कि जुबैर कट्टरपंथी इस्लामी संगठन जमीयत उलेमा-ए-पाकिस्तान (JUP) के सदस्य हैं और MYC की सर्वोच्च परिषद के नव निर्वाचित अध्यक्ष हैं। जब पाकिस्तानी पत्रकारों ने मिल्ली याकजेहटी परिषद के नेताओं को और उकसाया, तो महासचिव लियाकत बलूच ने कहा, “देश में अल्पसंख्यक समुदाय को पूरी स्वतंत्रता है।”
प्रताड़ना के डर से 150 हिंदू परिवार गाँव छोड़कर भागे
जमात-ए-इस्लामी के एक सदस्य बलूच ने तथ्यों से अवगत न होने के बहाने मंदिर हमले की निंदा करने से इनकार कर दिया। जब पत्रकारों ने मंदिर की घटना के बारे में MYC नेताओं से सवाल किए, तो पूर्व उप महासचिव डॉ. साकिब अकबर ने उन्हें किसी अन्य विषय पर आगे बढ़ने और मंदिर के मुद्दे पर चर्चा करने से परहेज करने के लिए कहा।
इस तथ्य के बावजूद है कि मिल्ली याकजेहटी परिषद ने मुहर्रम के महीने से पहले उत्तेजक भाषणों और बयानों को नहीं देने की कसम खाई थी। हिंदू अधिकार कार्यकर्ता (Hindu rights activist) राहत ऑस्टिन (Rahat Austin) के अनुसार, रहीमयार खान के भोंग में लगभग 150 हिंदू परिवारों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “पंजाब एक समय में हिंदू बहुसंख्यक प्रांत था, लेकिन अब रहीमयार खान एकमात्र ऐसा शहर है, जहाँ हिंदू बड़ी संख्या में मौजूद हैं।”
Around 150 Hindu families are forced to flee after angry mob vandalized a temple & attacked their homes in Bhong,Rahimyar Khan, Punjab-Pakistan. Punjab was a Hindu majority province but now Rahimyar Khan is only city where Hindu exists in a sizeable numbers.@USCIRF @Europarl_EN pic.twitter.com/aAH5PgIFnn
— Rahat Austin (@johnaustin47) August 7, 2021
गौरतलब है कि बुधवार (4 अगस्त 2021) को कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों ने हिंदुओं के मंदिर में घुसकर भगवान गणेश, शिव-पार्वती की मूर्तियों को तोड़ दिया था। इसके साथ ही उन्होंने मंदिर में लगे झूमर, घंटे को भी तहस-नहस कर दिया और मंदिर परिसर को भी काफी नुकसान पहुँचाया था।
Ganesh Temple, village Bhong in Rahim Yar Khan, Punjab has been ravaged.
— Veengas (@VeengasJ) August 4, 2021
Another day, another attack on Hindus in Pakistan. pic.twitter.com/grLlT582XL
इसका वीडियो पाकिस्तान में ‘द राइज न्यूज’ की पत्रकार और संस्थापक संपादक वींगास (Veengas) ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था। उन्होंने लिखा था, ”पंजाब के रहीमयार खान के गाँव भोंग के गणेश मंदिर में तोड़फोड़ की गई है। एक बार फिर पाकिस्तान में हिंदुओं पर हमला किया गया है।”
बताया जाता है कि इसके बाद पाकिस्तानी कट्टरपंथियों ने इस पूरी घटना को फेसबुक पर लाइव भी किया था। घटना को अंजाम देने के बाद उन्होंने मंदिर को आग के हवाले कर दिया था। वहीं, जब स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस में की, तो उन्होंने हिंदुओं की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया।