पाकिस्तानी गायक अब्दुल्ला कुरैशी ने गुरुवार (6 अक्टूबर, 2022) को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट कर कहा है कि उन्होंने इस्लाम के लिए संगीत की दुनिया को अलविदा कह दिया है। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि वह अब से केवल वही काम करेंगे जो उनके मजहबी मूल्यों के अनुरूप हो।
अब्दुल्ला कुरैशी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, “मुझे पता है कि मैं लंबे समय से खोया हुआ हूँ। लोग यह जानने के लिए मुझे लगातार मैसेज कर रहे हैं कि मैं कहाँ हूँ। मैं ब्रेक पर था, थोड़ी देर के लिए पॉज़ बटन दबाया और यह जानने की कोशिश कर रहा था कि मैं क्या था, मैं कहाँ जा रहा हूँ और मैं क्या बनना चाहता हूँ।”
अब्दुल्ला कुरैशी ने यह भी लिखा, “म्यूजिक बनाने, हजारों लोगों के लिए म्यूजिक कॉन्सर्ट करने से लेकर प्यार और सराहना पाने, विवादों का सामना, कुछ गलत निर्णय, कुछ सकारात्मकता फैलाने और अद्भुत दोस्त बनाने व बेहतरीन लोगों के साथ काम करने के लिए मेरे पास बहुत अच्छा समय था।” क़ुरैशी ने यह भी लिखा कि उनका मानना है जीवन का वास्तविक उद्देश्य इन सब चीजों से बहुत बड़ा है। उन्होंने लिखा कि हमारे पास इस दुनिया में अपने बाद के जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत कम समय है।
उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में यह भी लिखा, “अल्हम्दुलिल्लाह, मैं अपने इस फैसले से संतुष्ट हूँ और अब वास्तविक सच्चाई की तलाश में हूँ। मैं प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह मेरे लिए इस नई यात्रा को आसान बना दे।” उन्होंने यह भी कहा कि अब वह केवल उन कार्यक्रमों का हिस्सा होंगे जिनमें ‘मजहब’ को बढ़ावा दिया जा रहा होगा।
इस्लाम के लिए संगीत छोड़ने से पहले अब्दुल्ला ने खुद के द्वारा किए गए ‘बुरे व्यवहारों’ और ‘कामोत्तेजना’ के लिए साल 2021 में ‘माफीनामा’ भी जारी किया था। इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए इस ‘माफीनामे’ में अब्दुल्ला कुरैशी ने कहा था कि उन्हें अपने कर्मों पर दुःख है। उन्होंने किसी भी तरह से यदि किसी को चोट पहुँचाई या नुकसान पहुँचाया तो उन्हें इसका बहुत है। वह इन सब चीजों को हटाना चाहते हैं। उनका कहना है कि इससे उनके करियर पर असर पड़ा है और इससे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे उनकी बेटी के प्रभावित होने की भी संभावना है।
उनके माफीनामे में लिखा था, “मैं अपने शराबी वाली स्थिति के लिए किसी को भी दोष नहीं दूँगा। मुझे ही शराब पीने की आदत थी, साथ ही मैं कामोत्तेज था। लेकिन, हर कोई कामोत्तेजक हो सकता है। हालाँकि, जब मेरी बेटी हुई तब मैंने यह सब छोड़ दिया। मैं अपनी बेटी से सबसे खराब पिता होने के लिए माफी माँगता हूँ। मैंने एक साल पहले अपनी पत्नी के साथ बात करके इसे सुलझा लिया है। हम अब खुश हैं और मैं एक बदला हुआ आदमी हूँ।”
एक्टर हमजा अली अब्बासी को मिलीं गालियाँ…
गायक अब्दुल्ला कुरैशी ने जब घोषणा की कि वह इस्लाम के लिए संगीत छोड़ रहे हैं, तब पाकिस्तानी एक्टर हमजा अली अब्बासी ने उन्हें ट्विटर पर शुभकामनाएँ दीं। लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि “इस्लाम में संगीत पूरी तरह से हराम नहीं है”।
May God give u the strength & persistence in ur iman, ikhlaaq & deeds brother. Just want to share my discovery that Music is not completely haraam in Islam. If u have time, please watch this 1 program https://t.co/6CTgthWgKe OR this detailed 10 part series https://t.co/PhkHWmLSUc pic.twitter.com/15rtmBcBWE
— Hamza Ali Abbasi (@iamhamzaabbasi) October 6, 2022
अपने ट्विटर बायो में, अब्बासी ने लिखा है कि वह एक एक्टर और ‘इस्लाम के छात्र हैं। हालाँकि, इस्लाम में क्या हराम है और क्या नहीं इस बारे में उनके ट्वीट के बाद उन्हें मुस्लिमों द्वारा जमकर गालियाँ दी गईं हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा “मुझे हैरान हूँ है कि अधूरा हराम क्या है? हराम तो हराम है चाहे यह 1% ही हराम हो।”
I wonder what is incompletely haram? Haram is haram if its even 1% haram.
— Usama (@osamaySays) October 6, 2022
ऐसे कई लोग थे जिन्होंने अब्बासी से कहा कि वह मुफ्ती नहीं हैं और इसलिए, उन्हें इस बारे में निर्णय नहीं सुनाना चाहिए कि इस्लाम में क्या हराम है और क्या नहीं।
वहीं, मोमिना अली नामक ट्विटर यूजर ने हमजा अब्बासी पर सभी “हराम चीजों” को वैध बनाने का भी आरोप लगाया।
The way this person explains his believes and disbelieves up here is pathetic !!The fact that he call himself the “student of Islam ” by tweeting this !? Y’all need to study Islam properly before giving such statements openly to the youth which legit normalize every haram thing ! https://t.co/5mI1JQNtKk
— Momina Ali (@simplymomi) October 7, 2022
वेबसाइट al-Islam.org के अनुसार , संगीत इस्लाम में हराम है और इस स्थिति की पुष्टि कुरान की कई आयतों से होती है। वेबसाइट में दिया गया एक कोट इस प्रकार है, “मूर्तियों के प्रदूषण से दूर रहो और झूठे व्यर्थ शब्दों से दूर रहो।” (22:30)। अरबी शब्द “ज़ूर” के कई अर्थ हैं, जिनमें झूठ और संगीत के भाव शामिल हैं। इमाम जाफ़र अस-सादिक (अ) के अनुसार, ‘मूर्तियों के प्रदूषण’ का अर्थ शतरंज है और “व्यर्थ शब्द” का अर्थ संगीत है।