Saturday, November 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयआतंकी फंडिंग रोकने के लिए अमेरिका ने PAK को दिया अक्टूबर तक का अंतिम...

आतंकी फंडिंग रोकने के लिए अमेरिका ने PAK को दिया अक्टूबर तक का अंतिम समय

IMF की प्रतिनिधि टेरीजा सांचेज पहले ही चेता चुकीं हैं कि अगर पाक ग्रे-सूची से बाहर आने में नाकाम रहता है तो उसका IMF से स्वीकृत क़र्ज़ भी खतरे में पड़ जाएगा।

अमेरिका ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि अगर वह FATF की ग्रे (निगरानी) सूची से बाहर आना चाहता है तो उसे FATF के निर्देशों के अनुसार अपनी जमीन से काम कर रहे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और उनके सरगनाओं के खिलाफ़ ठोस कार्रवाई करनी होगी। यह संदेश पाकिस्तान के दौरे पर आए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने आर्थिक और राजस्व मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान के सलाहकार अब्दुल हफीज़ शेख को दिया। यह प्रतिनिधिमंडल इस साल जून में FATF द्वारा आतंकियों तक आर्थिक सहायता पहुँचने से रोकने के लिए सुझाए गए कदमों पर पाकिस्तान के अमल की समीक्षा के लिए ही इस्लामाबाद आया था।

पेरिस स्थित काला धन रोकने के लिए बने संगठन FATF ने जून में अपनी फ्लोरिडा मीटिंग के दौरान कहा था कि पाक उसके द्वारा निर्देशित कदमों को उठाने में असफल रहा है। अब पाक के पास आतंकियों तक पहुँच रहे पैसों को रोकने के लिए अक्टूबर तक का ही समय है, जिसके बाद उसे काली सूची में डाला जा सकता है। एक बार पाकिस्तान काली सूची में पहुँच गया तो उसके लिए अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहायता पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

पिछले साल FATF ने पाक के आंतरिक कानूनों को मनी-लॉन्ड्रिंग और आतंकवादियों तक पैसा पहुँचने से रोकने में नाकाफी मानते हुए पाक को ग्रे-सूची में डाल दिया था। हालाँकि, हफीज़ शेख ने पाक द्वारा उठा लिए गए कदमों, जैसे पाकिस्तानी नेशनल असेम्बली की स्टैंडिंग कमेटी के दो महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा विनिमय और मनी-लॉन्ड्रिंग रोधी बिलों को हरी झंडी दिखाने की बात की, लेकिन पाकिस्तान के डॉन अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी इतने-भर से संतुष्ट नहीं नज़र आए। उन्होंने शेख से साफ़ कहा कि अगर पाक अमेरिका की मदद अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विश्वास दोबारा जीतने के लिए चाहता है तो उसे अमेरिका को एक समय-सीमा बतानी होगी। अमेरिका जानना चाहता है कि कब ये बिल पाक संसद में रखे जाएँगे, कब तक पास होंगे, और कब पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी के हस्ताक्षर के बाद ये कानून में तब्दील होंगे।

आर्थिक कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए इस ग्रे-सूची से निकलना बहुत ज़रूरी है। इस्लामाबाद में तैनात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की प्रतिनिधि टेरीजा सांचेज पहले ही चेता चुकीं हैं कि अगर पाक ग्रे-सूची से बाहर आने में नाकाम रहता है तो उसका IMF से स्वीकृत क़र्ज़ भी खतरे में पड़ जाएगा। ऐसे में यह देखने लायक होगा कि अंतरराष्ट्रीय दबाव और आतंकियों के हिमायती अपने पाकिस्तानी सेना के आकाओं के बीच इमरान खान कौन सा बीच का रास्ता निकाल पाते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में BJP की अगुवाई वाली महायुति ने रचा इतिहास, यूपी-बिहार-राजस्थान उपचुनावों में INDI गठबंधन को दी पटखनी: जानिए 15 राज्यों के...

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति ने इतिहास रच दिया। महायुति की तिकड़ी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए बहुमत से सरकार बनाने का रास्ता साफ किया।

अडानी के बाद अमेरिका के निशाने पर एक और भारतीय: न्याय विभाग ने संजय कौशिक पर अमेरिकी एयरक्राफ्ट तकनीक रूस को बेचने का लगाया...

अमेरिका में अडानी समूह के बाद एक और भारतीय व्यक्ति को निशाना बनाया गया है। संजय कौशिक नाम के एक और भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया है।
- विज्ञापन -