सुदर्शन न्यूज के एमडी व एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके अपने हिंदुत्व समर्थित रुख की वजह चर्चा में रहते हैं। इसी कारण से वह इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर भी रहते हैं। उन्होंने सोमवार (30 जनवरी 2023) को बताया कि उनके विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में एक और आवेदन लग गया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”मेरे विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में एक और आवेदन लग गया है। वह भी TV शो में ‘हिंदूराष्ट्र की शपथ’ अपराध कैसे यह पूछने पर।” अपने ट्वीट के साथ उन्होंने ‘JudicialLynching’ का हैशटैग भी लगाया।
मेरे विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में एक और आवेदन लग गया है। वह भी TV शो में #हिंदुराष्ट्र_की_शपथ अपराध के ऐसे यह पूछने पर ! #JudicialLynching
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) January 30, 2023
वहीं इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सोमवार (30 जनवरी 2023) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को सूचित किया कि दिसंबर 2021 में दिल्ली में सुदर्शन न्यूज़ टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके के नेतृत्व में आयोजित हिंदू युवा वाहिनी कार्यक्रम को लेकर हेट स्पीच केस में अंतिम रिपोर्ट लगभग तैयार है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने पीठ को बताया, ”जाँच लगभग तक पूरी हो चुकी है। अंतिम रिपोर्ट करीब-करीब तैयार है। इसे फिर से जाँच के लिए भेजा गया है और हम कम समय में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करेंगे।
इस मामले को लेकर भी सुरेश सुरेश चव्हाणके ने ट्वीट किया था। उन्होंने कहा था, ”100 करोड़ हिन्दुओं के लिए न्याय की उम्मीद।”
Expecting Justice for 100 crore Hindus #हिंदुराष्ट्र_की_शपथ https://t.co/cm3nR0lDL2
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) January 30, 2023
उल्लेखनीय है कि इस मामले में सुरेश चव्हाणके पर ये आरोप लगा था कि उन्होंने गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन पर हिंदू युवा वाहिनी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने की बात कही। साथ ही लोगों को एक समूह को इसके लिए मरने और मारने की शपथ भी दिलाई। इस बाबत एक याचिका भी दाखिल की गई थी।
याचिका में चव्हाणके के खिलाफ भाषण देने और साम्प्रदायिक, विभाजनकारी, आग लगाने वाले और घृणास्पद भाषण देने वाले बयान देने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की माँग की गई थी। इसमें यह कहा गया था कि इस तरह के भाषणों से कुछ समुदायों में तनाव की स्थिति उत्पन्न होगी, जिससे हिंसा भड़केगी। याचिका में इस ओर अदालत का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई थी कि चव्हाणके का बयान भारत को एक हिंदू राष्ट्र (हिंदू राष्ट्र) बनाने के लिए अल्पसंख्यकों के खिलाफ बल प्रयोग से हिंसा का खतरा पैदा हो गया है।
याचिका में दावा किया गया था कि 19 दिसंबर की घटना के बाद चव्हाणके ने ‘एक ही सपना हिंदू राष्ट्र’ ट्वीट किया था, जो देश के संविधान के मूल मूल्यों, धर्मनिरपेक्षता, समानता और बंधुत्व पर सीधा हमला है और धर्म के नाम पर दुश्मनी पैदा करने के इरादे से किए गए हैं।