पिछले कुछ हफ्तों से कई मीडिया संस्थान यह प्रोपेगेंडा रचने की कोशिश में हैं कि कोरोना संक्रमित मरीजों और इस महामारी से प्रभावित लोगों की केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी के नेतृत्व ने कोई मदद नहीं की। उनका आरोप है कि मंत्री और नेतृत्व इसकी जगह केंद्र की मोदी सरकार के यशोगान में लगा रहा।
18 मई 2021 को दैनिक भास्कर ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें बताया गया कि कैसे केन्द्रीय मंत्री सोशल मीडिया पर सहायता की माँग कर रहे लोगों का जवाब देने में असफल रहे। भास्कर की इस रिपोर्ट में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत 10 केन्द्रीय मंत्रियों का जिक्र किया गया है। भास्कर ने आरोप लगाया है कि ये मंत्री जन्मदिन और त्योहारों की शुभकामनाएँ देने में व्यस्त रहे, लेकिन महामारी से पीड़ित लोगों की सहायता नहीं की।
1 मई से 14 मई के दौरान मोदी सरकार के दिग्गज मंत्रियों के ट्विटर एनालिसिस में यह बात सामने आई है कि किसी मंत्री ने कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए एक भी ट्वीट नहीं किया, जबकि पीएम मोदी की तारीफ़ में खूब कसीदे गढ़े गए।#COVID19India pic.twitter.com/ljv5kJRM9S
— Congress (@INCIndia) May 20, 2021
दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट को आधार बनाकर वामपंथी मीडिया समूह द वायर ने भी ऐसी ही रिपोर्ट प्रकाशित की और कहा कि सोशल मीडिया में लगातार प्रसारित हो रहे SOS (आपातकालीन सहायता) संदेशों पर प्रतिक्रिया देने के स्थान पर केन्द्रीय मंत्री केंद्र सरकार का गुणगान कर रहे थे। इस रिपोर्ट में भी उन्हीं मंत्रियों को निशाना बनाया गया, जिनका जिक्र दैनिक भास्कर ने किया।
दैनिक भास्कर और द वायर की रिपोर्ट
कॉन्ग्रेस की कथित टूलकिट लीक होने के पहले ही दैनिक भास्कर की रिपोर्ट प्रकाशित हुई और 12 घंटों के बाद द वायर ने भी ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित की। इन दोनों रिपोर्ट में यही आरोप लगाया गया कि 1 मई से लेकर 15 मई के बीच केन्द्रीय मंत्रियों ने केंद्र सरकार की प्रशंसा करने के अलावा Covid-19 को लेकर कुछ नहीं किया।
इन दोनों रिपोर्ट्स की तुलना यदि कॉन्ग्रेस के टूलकिट से की जाए तो पता चलता है कि उस टूलकिट में भी यही निर्देशित किया गया था कि मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से यह बताया जाए कि भाजपा सरकार के बड़े नेता Covid-19 महामारी के दौरान किसी प्रकार की सहायता नहीं कर सके और सरकार की अक्षमता को उजागर किया जाए। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि टूलकिट में द वायर का नाम फ्रेंडली मीडिया हाउस के रूप में बताया गया है।
केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा किए गए प्रयास
हालाँकि यह सभी को पता है कि केंद्र सरकार में बैठे मंत्री निजी तौर पर लोगों की सहायता करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। इसके स्थान पर उनके द्वारा संस्थागत रूप से महामारी से निपटने की रणनीति पर काम किया जाता है।
जिस समय दैनिक भास्कर और द वायर जैसे मीडिया समूह गृहमंत्री अमित शाह का निजी सोशल मीडिया एकाउंट खँगालने में लगे थे तब वह देश के पश्चिमी भाग में आए Cyclone Tauktae का जायजा ले रहे थे और तैयारियों में व्यस्त थे। इसके अलावा उनके नेतृत्व में गृह मंत्रालय कोविड की गाइडलाइंस का पालन कराने में लगा हुआ था।
MINISTRY OF HOME AFFAIRS (MHA) DRAWS ATTENTION OF STATES & UTs ON NEED TO HAVE PLAN OF ACTION TO ENSURE FIRE INCIDENTS DO NOT OCCUR IN HEALTH FACILITIES, PARTICULARLY COVID-19 FACILITIES.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) May 5, 2021
Press release- https://t.co/nvzXoubMiR@HMOIndia @PIB_India @DDNewslive @airnewsalerts
इन रिपोर्ट्स में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल के प्रयासों को भी धूमिल करने का प्रयास किया गया, जबकि इनके प्रयासों के कारण देश में अत्यावश्यक चिकित्सकीय संसाधनों की आपूर्ति संभव हो सकी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में सेनाओं ने मोर्चा सँभाला और डीआरडीओ जैसे संस्थानों ने कई स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट और अस्पताल बनवाए।
देश में बढ़ रही ब्लैक फंगस की समस्या पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों को नहीं भूलना चाहिए जिनके कारण इसके इलाज के लिए उपयोगी दवा Amphotericin B के देश में उत्पादन के लिए अप्रूवल मिल पाया। रेल मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय रेलवे ने लगभग 10,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का सफल परिवहन किया जो अभी भी जारी है। इसके अलावा रेलवे ने अपने कई रेलवे कोच को आइसोलेशन सुविधा में बदल दिया। क्या यह सब बिना मंत्रियों के प्रयास के संभव हो पाता?
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh reviews efforts of MoD, #ArmedForces, @DRDO_India and other Defence organisations in assisting the civil administration to tackle the current #COVID19 situation in the country, through a video conference on May 17, 2021. https://t.co/i5pnA7upm2 pic.twitter.com/0BBf0dSx5J
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) May 17, 2021
बात करते हैं विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की। कोविड महामारी से लड़ने में इन केन्द्रीय मंत्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जहाँ एक ओर जयशंकर ने विदेशों से सहायता प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की, वहीं स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन महामारी की शुरुआत से ही व्यस्त रहे। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के साथ चर्चा, वैक्सीन और दवा निर्माताओं के साथ सामंजस्य और चिकित्सा व्यवस्था को बनाए रखने में सबसे बड़ा योगदान स्वास्थ्य मंत्री का ही रहा। जयशंकर के नेतृत्व में विदेश मंत्रालय ने न केवल भारत की सहायता प्राप्त की, बल्कि कई देशों की सहायता भी की। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने Covid-19 महामारी के दौरान भारत में विदेशों निवेशकों की रुचि को बनाए रखने के लिए भी प्रयास किया।
From Russia- pic.twitter.com/QI8QUYQ921
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 11, 2021
To facilitate judicious utilisation of #COVIDVaccine doses, GoI has issued advisories to States/UTs for advance preparation & efficient implementation of plans for #COVIDVaccination@PMOIndia @MoHFW_INDIA #Unite2FightCorona #IndiaFightsBack pic.twitter.com/POIE8tMBTA
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 20, 2021
भारत में कोविड महामारी की शुरुआत से ही अफवाहों और गलत जानकारियों की समस्या बनी रही। कोरोना वायरस से जुड़ी सही जानकारियों को लोगों तक पहुँचाने और भ्रामक जानकारियों को उजागर करने में प्रकाश जावड़ेकर के नेतृत्व में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सजगता से कार्य करता रहा। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल भी इस दौरान शिक्षा संस्थाओं में सामंजस्य बनाने में व्यस्त रहे। देश में चल रही ऑनलाइन शिक्षा पर नजर बनाए रखना उनके प्रमुख कार्यों में से एक था। इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई मोर्चों पर एक साथ काम किया। वित्त मंत्री सीतारमण कोविड महामारी के दौरान आवश्यक फंड उपलब्ध कराने से लेकर आवश्यक उपकरणों पर करों की छूट तय करने में व्यस्त रहीं।
दैनिक भास्कर में विशेष रूप से निशाने पर रहे इन मंत्रियों के अलावा केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और भाजपा के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या लगातार लोगों के सहायता माँगने पर उन्हें सहायता उपलब्ध कराने के लिए कार्य करते रहे।
After revamping Mahabodhi Hospital in 10 days, we are reviving operations in another 80 bed hospital in Jayanagar that was lying defunct from last few years.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) May 19, 2021
Work is going on in full swing.
Hope to dedicate it to public use within 7 days from today.#IndiaFightsCOVID19 pic.twitter.com/WewraoQYIr
क्या इसे कार्य करना नहीं कहते हैं या भाजपा के इन केन्द्रीय मंत्रियों के द्वारा किए जाने वाल यह प्रयास मीडिया समूहों के प्रोपेगेंडा पर फिट नहीं बैठते?
केन्द्रीय मंत्री अपना काम कर ही रहे थे। इसके अलावा भाजपा की युवा इकाई भाजयुमो, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सेवा भारती महामारी की शुरुआत से ही लोगों की सहायता के लिए प्रयासरत हैं। ये सभी जितना संभव हो पाता है संक्रमित और पीड़ित लोगों तक निजी तौर पर पहुँचते हैं और सहायता करते हैं। ये सभी संगठन दवाइयों, ऑक्सीजन, चिकित्सकीय सलाह और भोजन इत्यादि की व्यवस्था में लगे हुए हैं।
Community Kitchen run by RSS is preparing 32,000 food packets daily for needy people in Delhi. pic.twitter.com/T3IryGOcrG
— Friends of RSS (@friendsofrss) May 16, 2021
देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने भयानक रूप ले लिया था। ऐसे में परिस्थितियों को सॅंभालने के लिए प्रधानमंत्री से लेकर मंत्रियों और विभिन्न अधिकारियों ने अपने काम को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इन मीडिया समूहों के लिए सरकार और उसके मंत्रियों पर उँगली उठाना आसान है।