HW न्यूज नेटवर्क: राजस्व से 11 गुना ज्यादा खर्च, विनोद दुआ को ‘रोजगार’ देने पर चर्चा में रहा था

HW न्यूज नेटवर्क के कंसल्टिंग एडिटर हैं विनोद दुआ

HW न्यूज नेटवर्क के मालिक थियो कनेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पर 16 सितंबर, 2020 को आयकर विभाग द्वारा छापा मारा गया। HW न्यूज़ के अनुसार, छापेमारी 50 घंटे से अधिक समय तक चली और पत्रकारों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए थे।

बता दें, एचडब्ल्यू न्यूज़ एक छोटा-सा डिजिटल न्यूज़ आउटफिट है, जो कॉन्ग्रेस समर्थक पत्रकार विनोद दुआ को नियुक्त करने के लिए जाना जाता है। दुआ पर फिल्म निर्माता निष्ठा जैन का पीछा करने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप भी है।

किस वजह से छापा मारा गया और इसका क्या परिणाम निकला अभी यह जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन थियो कनेक्ट के वित्तीय हालात पर गौर करने से संदेह पैदा होता है। कंपनी कोई अच्छा-खासा प्रदर्शन नहीं कर रही है, लेकिन अभी भी आसानी से फंड जुटाने में सक्षम है।

कंपनी के डायरेक्टर गणेश जगताप और सिद्धान्त जगताप हैं। कंपनी का पेड-अप कैपिटल 5 लाख रुपए है। सुजीत नायर कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं। मूल रूप से इसके मालिक नायर ही थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे गणेश जगताप को बेच दिया। विनोद दुआ इस डिजिटल समाचार नेटवर्क के कंसल्टिंग एडिटर हैं। साथ ही वे नेटवर्क पर ‘द विनोद दुआ शो’ नामक एक कार्यक्रम चलाते हैं।

ऑपइंडिया द्वारा एक्सेस की गई कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2017-18 में इसका रेवेन्यू 54 लाख रुपए था, जो वर्ष 2018-19 में 28 लाख रुपए हो गया। बता दें 2017- 18 में कंपनी को 1.98 करोड़ रुपए के नुकसान हुआ था। वहीं कंपनी को वर्ष 2018- 19 में 2.95 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।

Finances of Theo Connect (amounts in Rs)

वर्ष 2018-19 में कंपनी का रेवेन्यू सिर्फ 28 लाख रुपए था, लेकिन इसके खर्च 3.23 करोड़ रुपए थे। इसका मतलब है कि खर्च रेवेन्यू से ग्यारह गुना अधिक था। अगर कोई यह भी मानता है कि स्टार्टअप के प्रारंभिक वर्षों के दौरान रेवेन्यू, खर्चों से मेल नहीं खा सकता है, तब तो यह अधिक चिंताजनक तथ्य है कि थियो कनेक्ट का प्रमुख फंड स्रोत इक्विटी नहीं, बल्कि कर्ज है।

वर्ष 2018-19 में कंपनी ने 3.09 करोड़ रुपए के अनसेक्योर्ड लोन का प्रबंध किया। 1.87 करोड़ रुपए के मौजूदा ऋण के साथ, वर्ष के अंत में कंपनी का कुल ऋण 4.96 करोड़ रुपए रहा, जो 54 लाख रुपए के रेवेन्यू से बहुत अधिक है।

गौर करने वाली बात यह है कि इस तरह के खराब वित्तीय प्रदर्शन वाली कंपनी ₹ 3 करोड़ से अधिक के खर्चों का प्रबंधन कैसे करती है, और यहाँ तक ​​कि अनसेक्योर्ड लोन का प्रबंधन भी करती है। ऐसा प्रतीत होता है कि कंपनी का पूरा खर्च अनसेक्योर्ड लोन से भुगतान किया गया है, क्योंकि कंपनी का रेवेन्यू काफी कम है।

एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि 3.09 करोड़ रुपए का यह अनसेक्योर्ड लोन, ड्रीम TAG रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से आया है। थियो कनेक्ट और इस कंपनी के डायरेक्टर्स एक ही हैं। वर्ष 2018-19 में ड्रीम टीएजी का राजस्व 34.85 लाख रुपए से गिरकर 94 हजार रुपए था। कंपनी ने उस वर्ष 35.78 लाख रुपए के घाटे की जानकारी दी थी। इसलिए यह एक रहस्य है कि कंपनी ने अनसेक्योर्ड लोन कैसे दिया, जब उसके खुद के वित्तीय हालात ठीक नहीं थे।

गणेश जगताप महाराष्ट्र के एक नौकरशाह और राज्य के एक उपमुख्यमंत्री के प्रेस सचिव रहे हैं। उनकी दूसरी कंपनी ड्रीम TAG रियल्टी मुंबई स्थित प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी है।

अब यह एक रहस्य है कि कैसे HW न्यूज़ नेटवर्क खर्चों के साथ काम कर रहा है, जो इसके रेवेन्यू का लगभग 11 गुना है। इसके अलावा ऐसी स्थिति में भी वह अनसेक्योर्ड लोन का प्रबंध कर लेता है। इनकम टैक्स विभाग के छापे से हो सकता है इस संदिग्ध धन के स्रोतों का पता चले।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया