केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास BAT के हमले को नाकाम करते हुए सेना ने 5-7 घुसपैठिए मार गिराए। 5-7 पाकिस्तानी सेना के जवान/आतंकवादी के शव अब भी एलओसी पर पड़े हैं। सेना ने सबूत के तौर पर 4 शवों की सैटेलाइट तस्वीरें भी जारी की है। भारतीय सेना ने कहा है कि पाकिस्तानी सेना सफेद झंडे के साथ आकर इन शवों को ले जा सकती है।
BAT का पूरा नाम भले बॉर्डर एक्शन टीम है पर चाल-चलन में यह सैन्य से ज्यादा आतंकी दस्ता है। सीमा पर कार्रवाई के मकसद से गठित इस दस्ते में पाकिस्तानी कमांडोज के अलावा आतंकियों को भी शामिल किया जाता है। यह दस्ता अपने ऑपरेशन के दौरान क्रूरता की सारे हदे लॉंघ जाता है। 2013 में भारतीय सैनिक हेमराज का सिर कलम कर दिया गया था। यह करतूत BAT का ही था।
कारगिल लड़ाई के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया को BAT ने उत्पीड़ित और प्रताड़ित किया था। बाद में उनका शव भारत को सौंपा गया। सेना के मुताबिक सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी का फायदा उठाकर BAT जघन्य कृत्य को अंजाम देता है।
In the last 36 hours, Indian Army has foiled an infiltration attempt by a Pakistani BAT (Border Action Team) squad in Keran Sector. 5-7 Pakistani army regulars/terrorists eliminated, their bodies are lying on the LoC, not retrieved yet due to heavy firing. (Source: Indian Army) pic.twitter.com/gBa89BuQ0M
— ANI (@ANI) August 3, 2019
पाकिस्तानी सेना से प्रशिक्षित यह दस्ता अमूमन आधी रात के बाद हरकत में आता है और चुपके से भारतीय चौकियों के पास जवानों पर घात लगाकर हमले करता है। एलओसी पर एक से तीन किलोमीटर के दायरे में हमले को अंजाम देता है। कश्मीर में दशकों से चल रहे छद्म युद्ध की वजह से पाकिस्तानी सेना इस टीम में जान-बूझकर आतंकियों का इस्तेमाल करती है ताकि पकड़े जाने पर वह आसानी से इनसे पीछा छुड़ा ले।
Indian Army: Have offered Pakistan Army to take over the dead bodies(of 5-7 Pak BAT army regulars/terrorists). Pakistan Army has been offered to approach with white flag and take over the dead bodies for last rites,they are yet to respond. pic.twitter.com/x1mF7yHSyv
— ANI (@ANI) August 4, 2019
BAT सदस्यों को पाकिस्तानी सेना के साथ ही करीब आठ महीने की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। पाकिस्तानी वायुसेना भी इन्हें प्रशिक्षण देती है। ये अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। बर्फ में इस्तेमाल किया जाने वाला साजो-सामान (कपड़े एवं जूते), हाई एनर्जी फूड और सैटेलाइट फोन ये साथ लेकर चलते हैं।