Thursday, January 23, 2025
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षादिल्ली में लाकर बसाता था जो शेख, बांग्लादेशी घुसपैठियों ने उसको ही मार डाला…हत्या...

दिल्ली में लाकर बसाता था जो शेख, बांग्लादेशी घुसपैठियों ने उसको ही मार डाला…हत्या की गुत्थी सुलझाते-सुलझाते दिल्ली पुलिस ने पकड़ लिया फेक आधार-वोटर कार्ड बनाने वाला पूरा गैंग

फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए यह गिरोह एक वेबसाइट का उपयोग करता था। इन दस्तावेजों के सहारे घुसपैठिए दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में बस जाते थे। यह घुसपैठिए कबाड़ बीनने से लेकर फैक्ट्रियों में काम करने में लगे हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने जिन 11 आरोपितों को पकड़ा है, उनकी पहचान अभी उजागर नहीं की गई है।

दिल्ली में अवैध घुसपैठियों के विरुद्ध वर्तमान में बड़ा अभियान चल रहा है। इसी कड़ी में घुसपैठियों के भारतीय पहचान पत्र बनाने वाले एक बड़े गिरोह के 11 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पकड़े गए लोगों में से 5 बांग्लादेशी हैं जबकि बाकी भारतीय हैं। पकड़े गए में गिरोह आधार कार्ड ऑपरेटर और टेक्निकल एक्सपर्ट भी शामिल हैं। इनके द्वारा अब तक बनाए गए पहचान पत्रों और उसे बनवाने वालों की भी पड़ताल चल रही है।

दिल्ली पुलिस ने यह कार्रवाई मंगलवार (24 दिसंबर, 2024) को की है। दिल्ली के DCP दक्षिणी अंकित चौहान ने इस कार्रवाई की जानकारी मीडिया से साझा की है। उन्होंने बताया है कि जंगलों के रास्ते भारत में घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशी विभिन्न रास्तों से दिल्ली पहुँच कर इस गिरोह से मिलते थे। पकड़े गए लोगों ने उस शेख की हत्या भी कर दी थी जो यहाँ उन्हें बांग्लादेश से लाता था।

DCP अंकित चौहान ने बताया, “हमने कुछ दिन पहले 4 लोगों को हत्या के एक मामले में पकड़ा था। उन्होंने बताया कि वह बांग्लादेशी हैं। उन्होंने सेंटो शेख नाम के एक आदमी ने उन्हें बुलाया था। उसने यहाँ दिल्ली के रोहिणी इलाके में पूनम कम्प्यूटर सेंटर चलाने वाले साहिल से मिलकर इन बांग्लादेशियों का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाया। उनका आधार कार्ड भी बनवाया गया। 11 लोग गिरफ्तार किया गया है। इसमें 5 बांग्लादेशी और 6 उनके मददगार शामिल हैं।”

DCP अंकित चौहान ने बताया, “यह लोग जंगल के रास्ते भारत आते हैं। इसके बाद यह फर्जी कागजों के सहारे दिल्ली तक आते हैं। इसके बाद यह दिल्ली आकर फर्जी कागज बनाने वाले नेटवर्क से मिलकर आधार कार्ड वगैरह हासिल करते हैं। इसमें एक वेबसाइट का भी खुलासा हुआ है। इस वेबसाइट से फर्जी कागज बनाए जाते थे। यह वेबसाइट रजत मिश्रा, सद्दाम, सोनू कुमार और चाँद मोहम्मद मिलकर चलाते थे। इससे 228 प्रमाण पत्र 2 अकाउंट से बनाए गए हैं। कुल प्रमाण पत्र हजारों में हो सकते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि एक महिला ने भारत में आकर अपना वोटर कार्ड भी बनवा लिया था। उसको भी पकड़ा गया है। पुलिस ने बताया है कि वह दिल्ली में घुसपैठियों की रोज तलाश कर रहे हैं। गौरतलब है कि यह घुसपैठिए कबाड़ बीनने से लेकर फैक्ट्रियों में काम करने में लगे हुए हैं। इन सभी से पूछताछ की जा रही है।

पुलिस यह भी पड़ताल कर रही है कि इनके द्वारा बनाए गए पहचान पत्रों का उपयोग कर के कौन सा घुसपैठिया कहाँ रह रहा है। इन गिरोह में शामिल अन्य लोगों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। इन्होंने कितने फर्जी दस्तावेज अब तक तैयार कर दिए, इस पर भी जाँच हो रही है।

गौरतलब है कि फरवरी,2025 में दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पुलिस को अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सघन अभियान चलाने का आदेश दिया है। इस अभियान के तहत अब तक 175 संदिग्ध बांग्लादेशी की पहचान की जा चुकी है। उनके कागजों का सत्यापन हो रहा है। इसके अलावा दिल्ली के स्कूलों को भी यह आदेश मिला है कि वह अवैध घुसपैठियों के बच्चों को दाखिला ना दें। भाजपा इससे पहले आरोप लगाती आई है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार ने अवैध घुसपैठियों को संरक्षण दिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जापान के मंदिर में रखी हुई है नेताजी की अस्थियाँ, बेटी ने घर लाने की PM मोदी से की अपील: सुभाषचंद्र बोस के साथ...

नेताजी सुभाषचंद्र बोस की बेटी अनीता बोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेताजी की अस्थियाँ जापान से भारत लाने की माँग की है।

न मामला ऊँच-नीच का, न दलित दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने से रोका: टाइम्स ऑफ इंडिया ने फैलाया झूठ, जानिए राजस्थान के एक गाँव...

विजय की बारात में पुलिस की मौजूदगी का कारण ये नहीं था कि गाँव में किसी ऊँची जाति वाले ने उन्हें घोड़ी पर बैठने से रोका, बल्कि ये मामला तो ऊँची-नीची जाति का था ही नहीं।
- विज्ञापन -