आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने आतंकियों के मददगार जहाँगीर अहमद लोन और उमर शफी लोन नाम के 2 भाइयों के अब्बा मोहम्मद शफी लोन की सम्पत्ति को कुर्क कर दिया है। उमर और शफी पर अवंतीपुरा में आतंकियों को ठिकाना मुहैया करवाने और उन्हें जरूरी सामान दिलाने का आरोप है। साथ ही दोनों आतंकियों को सुरक्षा बलों की मूवमेंट की भी जानकारी दिया करते थे। पुलिस ने यह कार्रवाई शनिवार (31 दिसंबर 2022) को की है।
ये कार्रवाई पुलिस के आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत की जा रही है। इसमें कुर्की की प्रक्रिया यूए (पी) अधिनियम की धारा 25 के तहत हो रही है। 3 अक्टूबर 2022 को राज्य के DGP ने दोनों आरोपितों की सम्पत्ति की कुर्की के आदेश जारी कर दिए थे। इस आदेश पर कश्मीर क्षेत्र के कमिश्नर ने भी 1 दिसम्बर 2022 को अपनी मुहर लगा दी थी। पुलिस ने आतंकियों को शरण वालों को ऐसा न करने के लिए आगाह किया है।
J&K | Police have attached the property of one Mohd Shafi Lone, father of terrorist associates Jahangir Ahmad Lone & Umar Shafi Lone who provided shelter and logistical assistance to terrorists in Awantipora
— ANI (@ANI) December 31, 2022
बेकरी की दुकान में रखा था आतंकियों को
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उमर शफी और जहाँगीर अहमद की गिरफ्तारी 31/05/2022 को हुई थी। मई 2022 में पुलिस को अवंतीपुरा के राजपोरा में आतंकियों के मूवमेंट की सूचना मिली थी। इस जानकारी पुलिस सेना, CRPF और पुलिस का सामूहिक दस्ता घटनास्थल पर पहुँच गया और तलाशी अभियान में जुट गया था। खुद को घिरता देख कर आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर एक घर की ओट में छिप कर गोलियाँ बरसानी शुरू कर दीं थीं। इस दौरान खुद को बचाने के लिए आतंकी मोहम्मद मिसगर नाम के व्यक्ति के घर में जबरदस्ती घुस गए थे।
बाद में सुरक्षा बलों ने सावधानी से अभियान चलाते हुए कार्रवाई की। आत्मसमर्पण का ऑफर ठुकराने के बाद 2 आतंकी मार गिराए गए थे। मारा गया एक आतंकी शाहिद अहमद जैश से और दूसरा आतंकी युसूफ लश्कर ए तैय्यबा से जुड़ा था। जिस घर में आतंकी छिपे थे उसको भी थोड़ा नुकसान पहुँचा था। ऑपरेशन पूरा होने के बाद पुलिस ने जाँच के दौरान पाया कि दोनों आतंकियों को जहाँगीर अहमद लोन और उमर शफी लोन नाम के 2 भाईयों ने न सिर्फ शरण दी थी बल्कि उन्हें सुरक्षा बलों की गतिविधियों के बारे में भी बताया था।
पुलिस ने 31 मई 2022 को दोनों भाईयों को गिरफ्तार कर के पूछताछ की तो उन्होंने अपने गुनाह को कबूल किया था। दोनों ने बताया कि उन्होंने आतंकियों को अपनी बेकरी की दुकान में न सिर्फ कुछ समय के लिए रखा था बल्कि उनको खाना-पीना भी मुहैया करवाया था।