थाने पर कब्जा कर पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार को पीछे हटने के लिए मजबूर करने वाले खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह ने हिंसा की खुली धमकी दी है। उसने कहा कि अजनाला थाने पर कब्जा हिंसा नहीं थी। असली हिंसा तो अभी बाकी है।
अमृतपाल ने अजनाला में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “आप नारेबाजी और (खालिस्तानी) झंडे फहराने को हिंसा के रूप में गिन रहे हैं.. आपने अब तक असली हिंसा नहीं देखी है। असली हिंसा अभी देखना बाकी है।” हिंसा को पवित्र बताते हुए उसने कहा, “खालिस्तान की विचारधारा और खालिस्तानी राज का सपना कभी नहीं मिटेगा।”
अमृतपाल ने कहा, “दबे-कुचले लोग हिंसा का रास्ता चुनते हैं। लोग कहते हैं कि हिंसा बहुत बुरी है, लेकिन हिंसा बहुत पवित्र है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने कहा- जब आपके पास कोई विकल्प नहीं है तो तलवार उठाना सही है।” उसने कहा कि पंजाब की संस्कृति के दमन और संसाधनों के दोहन का अंतिम परिणाम हिंसा होगा।
भारतीयता पर सवाल उठाते हुए अमृतपाल ने कहा, “भारतीय संस्कृति क्या है? भारतीय पहनावा क्या है और भारतीय भोजन क्या है? कुछ नहीं है। यह कहना कि हम सब भारतीय हैं, झूठ है। हम क्यों कहें कि हम भारतीय हैं? राष्ट्रवाद की डोरी बहुत पतली होती है, यह कभी भी टूट सकती है।”
पाकिस्तान की भाषा बोलते हुए खालिस्तानी अमृतपाल ने बलूचिस्तान का भी जिक्र किया। और कहा कि भारत ने जो बलूचिस्तान में किया है, पाकिस्तान वही कश्मीर में करेगा। उसने कहा कि खालिस्तान आंदोलन को विफल करने के किसी भी कदम का कोई परिणाम नहीं निकलेगा।
अमृतपाल ने धमकी देेते हुए कहा, “हमें ना ही पंजाब सरकार और ना ही केंद्र सरकार रोक सकती है। हम राजनीतिक खेल नहीं खेलना चाहते। इसे कोई नहीं रोक सकता है। न तो सिकन्दर रोक सका, न मुगल, न अंग्रेज कुचल सके, हिन्दुस्तान भी दबा नहीं सका। पंजाब एक दिन आजाद होगा।”
अजनाला थाने पर कब्जा करने वाले उसके समर्थकों पर कार्रवाई करने के पंजाब DGP गौरव यादव के बयान पर अमृतपाल भड़क गया है। उसने अजनाला थाने पर कब्जा करने वाले अपने समर्थकों पर किसी भी कार्रवाई पर चेतावनी दी है। अमृतपाल ने कहा, “प्रशासन को कोई भी कार्रवाई करने से पहले अजनाला थाने पहुँचने वाले लोगों की संख्या का ध्यान रखना चाहिए।”
केंद्र सरकार ने अमृतपाल के इंस्टाग्राम अकाउंट को भारत में बैन कर दिया गया है। रिपोर्टों की मानें तो अमृतपाल के नाम से इंस्टाग्राम पर तकरीबन 35 अकाउंट हैं। सरकार ने इनमें से ब्लू टिक (वेरिफाइड) वाले अकाउंट को बंद किया है। अमृतपाल के खिलाफ यह पहली कार्रवाई है।
बता दें कि पंजाब में हथियारों से लैश खालिस्तान समर्थकों ने गुरुवार (23 फरवरी, 2023) को अमृतसर स्थित अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। हजारों की संख्या में जुटे निहंग सिख तलवार और बंदूक आदि हथियारों के साथ थाने की तरफ बढ़े।
इस दौरान उन्होंने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी और थाने में दाखिल हो गए। खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह के खिलाफ FIR और उसके करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। बाद में उसके दबाव में लवप्रीत तूफान को छोड़ दिया गया।
23 फरवरी को खालिस्तान समर्थक भीड़ के उपद्रव के बावजूद पंजाब पुलिस ने कोई ऐक्शन नहीं लिया। इस पर पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को एक ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था।
गौरव यादव ने बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब की आड़ लेकर पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया गया इस हमले में छह लोग घायल हो गए थे। डीजीपी के अनुसार, यदि पुलिस ने गोलीबारी की होती तो हालात खराब हो सकते थे। हमने संयम के साथ काम लिया।