गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों को ट्रैक्टर रैली की अनुमति देते हुए दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तानी साजिशों को लेकर आगाह किया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI जम्मू-कश्मीर के मंदिरों पर आतंकी हमलों की फिराक में है। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार सैन्य प्रतिष्ठान भी उसके निशाने पर हैं। सेना के आतंकरोधी अभियानों से बौखलाया पाकिस्तान इन हमलों को अंजाम देकर आतंकियों का मनोबल बढ़ाना और देश का सामाजिक सौहार्द बिगाड़ना चाहता है।
रिपोर्ट के मुताबिक़ जम्मू-कश्मीर हमेशा से पाकिस्तान के आतंकवादी रडार के निशाने पर रहा है। वह ‘जम्मू-कश्मीर गजनवी फ़ोर्स’ की मदद से वहाँ के राज्य के कई हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहता है। जम्मू-कश्मीर गजनवी फ़ोर्स पाकिस्तानी खुफ़िया एजेंसी के कश्मीर सेल के अंतर्गत काम करता है।
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— TIMES NOW (@TimesNow) January 25, 2021
Pakistan’s plot of reviving terror in Jammu region ahead of R-Day celebrations exposed. Security installations, temples on target.
Details by Pradeep. pic.twitter.com/1CziDUwpxy
13 जनवरी 2021 को कोटली स्थित ‘पाकिस्तान आर्मी ब्रिगेड हेडक्वाटर’ में बैठक हुई थी, जिसकी अगुवाई आईएसआई के मेजर कामरान ने की थी। इस बैठक में उसने विस्तार से योजना बनाई थी। 26 जनवरी को जम्मू में आतंकी हमला कर सकते हैं।
जम्मू कश्मीर में स्थित मंदिरों पर हमले का इकलौता उद्देश्य है भारत में साम्प्रदायिकता फैलाना। रिपोर्ट में यहाँ तक दावा किया गया है कि आईएसआई आतंकवादियों की जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराना चाहता है। इसके लिए उन्हें जीपीएस और अन्य उपकरण भी प्रदान कर रहा है।
इस महीने की शुरुआत में जम्मू कश्मीर पुलिस ने उमर अहमद मलिक और सुहैल अहमद मलिक नाम के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। दोनों जैश-ए-मोहम्मद के तहत काम कर रहे थे। दोनों के पास दो एके 47, 1 पिस्टल, 16 ग्रेनेड, 19 एके 47 की मैगजीन और 269 गोलियाँ बरामद की गई थीं।
गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर किसानों द्वारा निकाली जाने वाली ट्रैक्टर रैली पर भी पाकिस्तान की निगाहें गड़ी हुई हैं। पुलिस ने खूफिया सूत्रों से मिली जानकारी का हवाला देता हुए कहा था कि कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं, जो माहौल बिगाड़ने का प्रयास करें। पुलिस ने बताया है कि ट्विटर पर करीब 308 अकाउंट ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जो पाकिस्तान में बने और अब भ्रम पैदा करके किसानों की रैली में माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। पुलिस की साइबर टीम लगातार ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर बनाए हुए हैं।