जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के निरस्त हो जाने और सामान्य जिंदगी बहाल होने के बाद आतंकी बौखला गए हैं। लोगों द्वारा अपने हुक्म का पालन न होने से बौखलाए आतंकियों ने एक बार फिर से धमकी भरे पोस्टर चिपकाकर लोगों को डराने की कोशिश की। आतंकियों ने बुधवार (नवंबर 20, 2019) देर रात श्रीनगर सहित कई जगहों पर धमकी भरे पोस्टर लगा दिए। इन पोस्टरों में आतंकियों ने बंद का फरमान न मानने वालों को कौम व इस्लाम का दुश्मन करार देते हुए उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
जिसके बाद घाटी में भय का माहौल है। गुरुवार (नवंबर 21, 2019) को पूरे दिन दुकानें बंद रहीं, यातायात भी ठप रहा। राज्य परिवहन की बसें भी सड़कों पर नहीं दिखाई दीं। बताया जा रहा है कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा द्वारा जारी पोस्टर श्रीनगर के डाउन-टाउन, जकूरा और गांदरबल व अनंतनाग जिले में कई जगह दीवारों-खंभों पर चिपका दिए हैं। इससे इन इलाकों में बुधवार को दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान दिन भर बंद रहे और वाहनों की आवाजाही भी नाममात्र रही। इसके साथ ही बुधवार रात को असामाजिक तत्वों ने चार दुकानों, एक गाड़ी के अलावा कई ठेलों में आग भी लगा दी थी।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ हफ्ते से दुकानदार सुबह के वक्त अपनी दुकानें खोल रहे थे, लेकिन चेतावनी के बाद उन्होंने सुबह दुकानें नहीं खोलीं। अधिकारियों का कहना है कि मध्य कश्मीर में श्रीनगर और गंदेरबल जिलों, दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जिलों और उत्तर में कुछ जिलों में बंद बुलाया गया है, जिसकी वजह से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
पुलिस ने बताया है कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। श्रीनगर जिला मजिस्ट्रेट शाहिद इकबाल चौधरी ने असामाजिक तत्वों को गुरुवार को कड़ी चेतावनी जारी की और लोगों से अपील की कि वे इस तरह की कोई भी घटना होने पर फौरन पुलिस को सूचित करें।
श्रीनगर स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष में मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को डाउन-टाउन और गांदरबल के अलावा अनंतनाग में कुछ हद तक बंद का असर रहा। उन्होंने बताया कि शरारती तत्वों द्वारा गड़बड़ी किए जाने की आशंका को देखते हुए पूरी वादी में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया था। देर शाम तक किसी भी जगह पर अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।