आतंकियों के सुरंग से कमांडर राठौड़ ने निकाली चौंकाने वाली चीजें, भारत ने P-5 राष्ट्रों को सौंपा Pak की करतूतों का कच्चा चिट्ठा

सुरंगों का इस्तेमाल कर भारत में घुसने की फ़िराक में पाकिस्तानी आतंकी (फोटो साभार: TOI)

BSF के डायरेक्टर जनरल राकेश अस्थाना ने सोमवार (नवंबर 23, 2020) को जवानों को आदेश दिया कि वो जम्मू कश्मीर के साम्बा और राजौरी सेक्टर में भारत और पाकिस्तान की सीमा पर गश्त में तेज़ी और सतर्कता लाएँ, क्योंकि वहाँ आतंकियों के कुछ अन्य सुरंगों के भी मिलने की आशंका है। इधर भारत के विदेश सचिव हर्षवर्द्धन शृंगला ने P-5 राष्ट्रों के राजदूतों को जम्मू कश्मीर में हुई हालिया मुठभेड़ और पाकिस्तान की करतूतों के बारे में बताया।

जम्मू कश्मीर में गुरुवार (नवंबर 19, 2020) को मारे गए चारों आतंकियों के पास से भारी मात्रा में खतरनाक हथियार और गोला-बारूद भी मिले थे। उन्होंने 200 मीटर की एक सुरंग के सहारे भारत में प्रवेश किया था। BSF के जवानों ने रेंगते हुए उस सुरंग को खँगाला। अब क्षेत्र में ऐसे अन्य सुरंगों की खोज जारी है। कृष्ण पक्ष (अँधेरी रात) में बाहर निकलने से पहले सभी आतंकी उस सुरंग में ही छिपे हुए थे।

उस सुरंग में रेंगते हुए घुस कर उसके बारे में सारी जानकारी पता लगाने वाले 173 बटालियन के कमांडर राठौड़ ने वहाँ से कुछ खाने-पीने की चीजें निकालीं, जिनमें बिस्किट के पैकेट्स भी शामिल थे। जिस ‘मास्टर क्यूजीन कपकेक’ कम्पनी का बिस्किट प्राप्त हुआ, उसे लाहौर में बनाया जाता है। उस पर मई 2020 का मैन्युफैक्चरिंग डेट अंकित था और नवंबर 17, 2020 का एक्सपायरी डेट। यह भी साफ़ है कि एक पाकिस्तानी रेंजर उन्हें निर्देशित कर रहा था, ताकि वो सुरक्षित बाहर निकल कर तबाही मचा सकें।

ये भी पता चला है कि ये चारों पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के शकरगढ़ में स्थित जैश-ए-मुहम्मद के कैम्प से आए थे। इसके बाद वो रामगढ़ और हीरानगर सेक्टर के बीच स्थित साम्बा जिले के मावा की तरफ बढ़ रहे थे। उन्होंने जटवाल गाँव को अपना पिकअप पॉइंट बनाया था, जिसके साथ पाकिस्तान का नागवाल गाँव है। हालाँकि, भारत की सतर्क सुरक्षा एजेंसियों ने उस ट्रक का पता लगा लिया और भारत एक बड़े आतंकी हमले से बच निकला।

आतंकियों के पास से 1.5 लाख भारतीय रुपए मिले। तार काटने के उपकरण, चीनी ब्लैक स्टार पिस्टल, ग्रेनेड, असॉल्ट रायफल्स, और नाइट्रोसेल्यूलोज तेल ईंधन विस्फोटक मिले, जिनका इस्तेमाल पुलवामा हमले में भी किया गया था। भारत के पास स्पेशल ‘टनल इंस्पेक्शन टीम्स’ हैं, जिन्हें अन्य सुरंगों की खोज में लगाया गया है। उरी और कुपवाड़ा के उत्तर से आतंकियों के घुसने की आशंका के बाद गश्ती बढ़ा दी गई है।

जहाँ सीमा पर सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं है, कूटनीतिक स्तर पर भी भारत ने पाकिस्तान को घेरना शुरू कर दिया है और कई देशों के राजनयिकों को पाकिस्तान की करतूतों के बारे में जानकारी देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भारत ने P-5 (यूके, यूएस, रूस, फ़्रांस और चीन) देशों से कहा है कि वो पाकिस्तान पर दबाव बनाएँ कि वो द्विपक्षीय समझौतों का पालन करे और अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं करे।

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जापान सहित अन्य देशों के राजनयिकों को भी इस बारे में जानकारी दी गई। खुद विदेश सचिव ने सूचना सम्बंधित दस्तावेज देकर राजनयिकों को आतंकियों से हुई मुठभेड़ और इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ होने को लेकर अवगत कराया। इन ‘इनफार्मेशन डॉकेट्स’ में सारे घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी थी। भारत ने दुनिया को ये बताया कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय DDC के चुनावों को रोकने के लिए पाकिस्तान ऐसा कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (नवंबर 20, 2020) गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव और शीर्ष खुफिया अफसरों के साथ नगरोटा एनकाउंटर पर एक समीक्षा बैठक भी की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमारे सुरक्षाबलों ने एक बार फिर अपनी बहादुरी और प्रतिबद्धता दिखाई है और जम्मू कश्मीर में डेमोक्रेटिक एक्सरसाइज को लक्षित करने वाली नापाक साजिश को नाकाम कर दिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया