PM-CARES से ₹2000 करोड़ खर्च कर सरकार ने देश भर में वितरित किए करीब 50,000 वेंटिलेटर, महाराष्ट्र को मिले सबसे ज्यादा

PM-CARES के तहत देश भर में करीब 50,000 वेंटिलेटर वितरित किए गए। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कोरोना वायरस के कहर के बीच महामारी से निपटने और अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए PM-CARES फंड से देश भर में राज्यों को करीब 50,000 वेंटिलेटर वितरित गए हैं, ये जानकारी बीजेपी ने दी।

पार्टी ने एक ट्वीट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत कोरोना वायरस के खिलाफ बहादुरी से लड़ रहा है। PM-CARES फंड से देश भर में लगभग 50,000 वेंटिलेटर वितरित किए गए हैं।”

ये “मेड-इन-इंडिया” वेंटिलेटर लगभग 2000 करोड़ रुपए की लागत से PM CARES फंड से खरीदे गए थे और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सरकार द्वारा संचालित COVID अस्पतालों को कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए आवंटित किए गए थे।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुल 45,946 वेंटिलेटर में से महाराष्ट्र (देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य) को सबसे ज्यादा वेंटिलेटर दिए गए, जबकि दिल्ली को सबसे कम आवंटन किया गया था।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र को 5,555 वेंटिलेटर, दिल्ली को 763, पंजाब को 810, उत्तर प्रदेश को 5316, पश्चिम बंगाल को 1245, तमिलनाडु को 1450, जबकि केंद्रीय संस्थानों को 3569 मशीनें दी गई थीं। केंद्र ने कहा है कि जून 2021 के अंत तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अतिरिक्त 14,000 वेंटिलेटर वितरित किए जाएँगे।

पीएम ने दिया ऑडिट का निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वेंटिलेटरों को स्टोर करके रखने और उनका इस्तेमाल नहीं किए जाने की रिपोर्ट्स को गंभीरता से लिया है। उन्होंने अधिकारियों को केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दिए गए वेंटिलेटर्स के इंस्टालेशन, उनके संचालन का ऑडिट करने का निर्देश दिया है। साथ ही पीएम ने जरूरत पड़ने पर वेंटिलेटर को ऑपरेट करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को फिर से ट्रेनिंग देने का सुझाव भी दिया है।

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कई राज्यों में तकनीकी खामियों के कारण बेकार पड़े वेंटिलेटर्स का सही इस्तेमाल करने की अपील की है। मंत्रालय ने इस मामले में एक बयान जारी कर जानकारी दी है कि वेंटिलेटर की समस्याओं को ठीक करने के लिए एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है। इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों, वेंटिलेटर यूजर हॉस्पिटल और उसे बनाने वाली कंपनियों की टेक्निकल टीम के लोग शामिल हैं, जो कि समस्याओं का समाधान करने के लिए काम करेंगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया