पुणे में कश्मीरी पत्रकार जिब्रान नज़ीर ने शिक़ायत दर्ज की थी कि उन पर स्थानीय युवाओं द्वारा कश्मीरी होने के कारण ‘हमला’ किया गया था। हालाँकि, पुलिस ने आरोपित दत्तराय लाहोटे और अज़हरुद्दीन शेख को गिरफ़्तार भी कर लिया था। लेकिन इस मामले में नया मोड़ ये आया है कि शिक़ायत दर्ज कराने वाले नज़ीर ने अपनी शिक़ायत वापस ले ली और दावा किया कि उन्हें पक्के तौर पर यह नहीं पता कि उन पर हुआ ‘हमला’ उन्हें टारगेट करके किया गया था।
I find no reason to believe that the attack on m last night, because I come from Kashmir, was an organised one. Thus, I withdrew my complaint against the accused. But, apparently, mob affliction is making inroads to Pune as well. @CPPuneCity please take notice
— Jibraan Nazir Dar (@JibraanDar) February 22, 2019
रिपोर्ट की मानें तो नज़ीर पर हमले की शुरुआत रोड रेज जैसा है। जानकारी के अनुसार नज़ीर बाइक पर सवार था। जैसे ही वो रेड सिग्नल पर रुका तभी दो युवक लगातार हॉर्न बजा रहे थे। इसके बाद नज़ीर के साथ उन दो युवकों की बहस होने लगी। नज़ीर ने बताया कि दोनों ने कथित तौर पर उस पर चिल्लाना शुरू कर दिया क्योंकि उसकी बाइक में जो नंबरप्लेट थी वो हिमाचल प्रदेश से पंजीकृत थी। नज़ीर ग़ुस्से में चिल्लाया और कहा कि वो हिमाचल से नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर से है। तब दोनों युवकों ने कथित रूप से उसकी पिटाई कर दी और कहा कि वो उसे वापस कश्मीर भेज देंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, उन युवकों ने नज़ीर से न सिर्फ़ माफ़ी माँगी बल्कि उसके वाहन की मरम्मत कराने का वादा भी किया। इसके बाद नज़ीर ने अपनी शिक़ायत वापस ले ली।
वहीं Newslaundry की एक ख़बर के अनुसार, हमलावरों ने उसे आतंकवादी भी बताया था। नज़ीर को मारते हुए वे दोनों युवक बार-बार उसे कश्मीर वापस जाने के लिए कह रहे थे। लेकिन जब हमलावरों को यह पता चला कि वो एक पत्रकार है तो उनमें से एक ने नज़ीर का प्रेस कार्ड छीन लिया और उनसे कहा कि वह कश्मीर में अपने घर वापस चले जाएँ और वहाँ जाकर पत्रकारिता करें।
अब इन परिस्थितियों में कुछ सवाल एकाएक ही उठ खड़े होते हैं, जैसे कि आख़िर नज़ीर ने शिक़ायत वापस क्यों ले ली, जबकि उसके साथ मारपीट हुई थी? क्या नजीर द्वारा बताई गई घटना की जानकारी में कोई गड़बड़ थी, जिसे उसने ग़लत रूप देने की कोशिश की?
फ़िलहाल, पुणे पुलिस ने संज्ञान लेते हुए इस मामले को अपराध के रूप में दर्ज कर लिया है। बता दें कि अब दत्ताराय और अज़हरुद्दीन के ख़िलाफ़ धारा-279 (रैश ड्राइविंग), 337 (दूसरों की जान ख़तरे में डालने या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को नुक़सान पहुँचाना) और आईपीसी की धारा-323 (जान बूझकर चोट पहुँचाने के उद्देश्य से) के तहत दर्ज किया जाएगा।