Tuesday, April 16, 2024
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हार्दिक पटेल के ‘चिकन सैंडविच’ से राजदीप सरदेसाई का जायका बिगड़ा, कहा- इस्तीफे पर हस्ताक्षर आपके, लेकिन शब्द किसी और के हैं

"हार्दिक पटेल को कहा गया है कि आप राहुल गाँधी को टारगेट कीजिए। आप उस लेटर में कह दीजिए कि कॉन्ग्रेस के नेता चिकन सैंडविच के लिए कितने उतावले थे।"

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस को बड़ा झटका देते हुए बीते दिनों पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। ऐसा लगता है कि यह इंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई (Rajdeep Sardesai) को बेहद नागवार गुजरा है। कॉन्ग्रेस पर हार्दिक के हमलों और इस्तीफे वाली चिट्ठी में किए गए खुलासों से वे परेशान दिखे।

उनकी यह झुंझलाहट हार्दिक पटेल के साथ एक इंटरव्यू में स्पष्ट तौर पर दिखी। इस दौरान राजदीप लगातार हार्दिक के इस्तीफे की भाषा को लेकर सवाल उठाते रहे। उन्होंने पूछा कि कुछ दिन पहले तो सब ठीक था, अचानक से इन ​पाँच दिनों में क्या बदल गया?

राजदीप सरदेसाई ने कहा, “हार्दिक जी, हमने पिछले हफ्ते इसी प्रोग्राम में बात की थी। तब आपने कहा था कि कोई प्रॉब्लम नहीं है, सब इशू लोकल लेवल पर गुजरात में हैं। उस वक्त आपने राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस पार्टी पर पूरा भरोसा जताया था, लेकिन कुछ दिन बाद आप अपना इस्तीफा देते हुए चिट्ठी लिखते हैं और उसमें राहुल गाँधी व कॉन्ग्रेस पर हमला करते हैं। ऐसा क्या बदल गया इन पाँच दिनों में हार्दिक जी।”

इंटरव्यू के दौरान इंडिया टुडे के पत्रकार बार-बार ​हार्दिक पटेल की चिट्ठी पर आपत्ति जताते नजर आए। उन्होंने पाटीदार नेता पर भड़कते हुए कहा कि आप कहते हैं आपके मुद्दों का समाधान नहीं हुआ, लेकिन आप एक लेटर लिखते हैं। वह लेटर मेरे पास है। इस्तीफे पर हस्ताक्षर आपके हैं, लेकिन शब्द किसी और के हैं। इसमें जो लिखा गया है वह डिक्टेशन है। कॉन्ग्रेस का दावा है कि आपसे किसी ने ऐसा लिखने के लिए कहा है।

पत्रकार ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, “हार्दिक पटेल को कहा गया है कि आप राहुल गाँधी को टारगेट कीजिए। आप उस लेटर में कह दीजिए कि कॉन्ग्रेस के नेता चिकन सैंडविच के लिए कितने उतावले थे। वो हमेशा बाहर जाते हैं। ये भाषा जो किसी बीजेपी प्रवक्ता की टीवी स्टूडियो में होती है। वैसी ही भाषा का प्रयोग हार्दिक पटेल ने अपने लेटर में राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस पार्टी को टारगेट करते हुए लिख दी है।”

इस पर हार्दिक ने कहा, “कॉन्ग्रेस गुजरात के नेता को इस बात का कैसे पता है। वे भाजपा के खिलाफ मैदान में उतरने के लिए कड़ी मेहनत क्यों नहीं कर रहे हैं? क्यों वे अपने काम के प्रति ईमानदार नहीं हैं? जब भी राहुल गाँधी गुजरात में आते हैं, तो हम अपेक्षा करते हैं कि वह यहाँ के जमीनी मुद्दों पर बात करेंगे। लेकिन यहाँ पार्टी के नेता उनके आने पर उनकी खातिरदारी में जुट जाते हैं कि वो कब खाएँगे, क्या खाएँगे। नाश्ते में क्या लेंगे। उनके लिए कौन सा चिकन सैंडविच लाना है, कहाँ से लाना है। ये सब देखकर बहुत दुख होता है। ये लोग अपनी गलतियों को सुधारना ही नहीं चाहते हैं। इसलिए जो गलत होगा उस पर बोलूँगा।”

राजदीप ने पटेल से कहा कि कॉन्ग्रेस में शामिल होते ही पार्टी ने आपको उच्च पद दिया था। इसके जवाब में पाटीदार नेता कहते हैं कि मुझे कॉन्ग्रेस पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, अगर मुझे इससे जुड़ा काम ही नहीं दिया गया तो इस पद का क्या महत्व है?

उल्लेखनीय है कि कॉन्ग्रेस से इस्तीफा देने के बाद गुरुवार (19 मई 2022) को गुजरात के नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने देश की सबसे पुरानी पार्टी पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, “गुजरात में सिर्फ हार्दिक ही नहीं, बल्कि कई नेता कॉन्ग्रेस से नाराज हैं। कॉन्ग्रेस में सच बोलो तो बड़े नेता आपको बदनाम करते हैं। यही उनकी रणनीति है।” इसके साथ ही पटेल ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी है।

गौरतलब है कि 18 मई को हार्दिक पटेल ने कॉन्ग्रेस से इस्तीफा देकर पार्टी की राज्य इकाई को बड़ा झटका दिया था। पटेल ने ट्विटर पर हिंदी, अंग्रेजी और गुजराती में पत्र साझा करते हुए लिखा था, “आज मैं हिम्मत करके कॉन्ग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूँ कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा।”

अपने बयान में हार्दिक पटेल ने यह भी कहा था कि कॉन्ग्रेस पार्टी देशहित व समाज हित के बिलकुल विपरीत कार्य कर रही है। उन्होंने कॉन्ग्रेस में एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व न होने को लेकर अपनी शिकायत की थी। साथ ही कहा था कि कॉन्ग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति कर रही है जबकि देश के लोग विकल्प चाहते हैं जो उनके भविष्य के लिए सोचता हो। उन्होंने इस्तीफे में कहा था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व गंभीर नहीं है। उनका ध्यान गुजरात की परेशानियों से ज्यादा मोबाइल व बाकी की चीजों पर है। पार्टी के बड़े नेताओं की चिंता होती है कि पार्टी नेतृत्व ने चिकन सैंडविच खाया या नहीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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