Saturday, April 20, 2024
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क्या रूस ने बना ली कोरोना की वैक्सीन? इंसानों पर ट्रायल पूरा करने का किया दावा

सेचेनोव विश्वविद्यालय ने कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के पहले वैक्सीन का वालंटियर्स पर सफलतापूर्वक परीक्षण पूरा कर लिया है। इस अध्ययन में शामिल हुए पहले वालंटियर्स के समूह को 8 जुलाई को छुट्टी दी गई थी। दूसरे ट्रायल में शामिल वालंटियर्स के समूह को 20 जुलाई को छुट्टी दी जाएगी।

कोरोना वायरस संकट के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। रूस का दावा है कि उसने कोरोना की वैक्सीन तैयार कर ली है। रिपोर्ट के अनुसार रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्‍सीन का वालंटियर्स पर ट्रायल पूरा कर लिया है। यह वैक्‍सीन रूस की सेचनोव फर्स्ट मास्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी ने डेवलप की है।

यह जानकारी इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वदिम तरासोव ने दी है। उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन को गेमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी यूनिवर्सिटी द्वारा निर्मित किया गया है। इसका परीक्षण यूनिवर्सिटी ने 18 जून को शुरू किया था।

तरासोव ने कहा, सेचेनोव विश्वविद्यालय ने कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के पहले वैक्सीन का वालंटियर्स पर सफलतापूर्वक परीक्षण पूरा कर लिया है। इस अध्ययन में शामिल हुए पहले वालंटियर्स के समूह को बुधवार ( 8 जुलाई, 2020) को छुट्टी दे दिया गया था। दूसरे ट्रायल में शामिल वालंटियर्स के समूह को 20 जुलाई को छुट्टी दी जाएगी।

वहीं इस वैक्सीन की जानकारी देते हुए सेचनोव यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासिटोलॉजी, ट्रॉपिकल एंड वेक्टर-बॉर्न डिजीज के निदेशक अलेक्जेंडर लुकाशेव के कहा कि इस पूरे अध्ययन का मकसद मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कोविड 19 के वैक्सीन को सफलतापूर्वक तैयार करना था।

लुकाशेव ने एएनआई को बताया, “वैक्सीन की सुरक्षा की पुष्टि की जा चुकी है।” वैक्सीन को जल्‍द ही इसे मानव हित में बाजार में उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है। महामारी की स्थिति को देखते हुए इसका प्रोडक्शन किया जाएगा।

सेचेनोव विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए वैक्सीनपर तारसोव ने यह भी कहा कि इस महामारी की स्थिति में सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने न केवल एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में, बल्कि एक वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान केंद्र के रूप में भी प्रशंसा के योग्य काम किया है। उन्‍होंने कहा कि हमने प्रीक्लिनिकल स्टडीज और प्रोटोकॉल डेवलपमेंट के साथ, कोरोना वैक्सीन को बनाने का काम करना शुरू किया था। अब क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है।

पूरी दुनिया में कोरोना की वैक्‍सीन की खोज चल रही है, मगर किसी देश ने अभी तक वैक्‍सीन का ट्रायल पूरा नहीं किया है। कई देश ट्रायल स्तर पर विफल भी हो चुके है। भारत, चीन, अमेरिका समेत अन्‍य कई देशों की वैक्‍सीन ट्रायल के फेज 2 या 3 में है। बता दें कोरोनोवायरस दुनिया भर में अब तक 12 मिलियन से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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