पश्चिम बंगाल से भाजपा नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की ख़बर आ रही है। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा सहित कई भाजपा नेताओं को रात के 3 बजे गिरफ़्तार कर लिया गया है। भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने बताया कि ममता सरकार की इस बड़ी कार्रवाई में बिना किसी क़ानूनी प्रक्रिया का अनुसरण किए और बिना किसी चार्ज के कई भाजपा नेताओं को उठा लिया गया। बंगाल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली के लिए देश के कई क्षेत्रों से भाजपा नेता कोलकाता में जाकर ठहरे हुए थे। मालवीय ने आरोप लगाया कि कई भाजपा नेता तृणमूल कॉन्ग्रेस की ग़ैर-क़ानूनी हिरासत में हैं।
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा भी कोलकाता में चुनाव प्रचार के लिए गए हुए थे। उन्हें कई सोशल मीडिया इवेंट्स में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी थी। बग्गा के वहाँ पहुँचने के साथ ही भाजपा की सोशल मीडिया विंग में एक नए उत्साह का संचार हुआ था। कोलकाता के गलियारों में कार्यकर्ताओं के साथ बग्गा के कई फोटो भी ट्विटर पर देखे गए थे। लोगों का कहना है कि जब तेजिंदर बग्गा ने किसी क़ानून का उल्लंघन नहीं किया है, तब उन्हें क्यों गिरफ़्तार किया गया? ट्विटर पर आज (बुधवार) सुबह से ही ‘FreeTajinderBagga (फ्री तेजिंदर बग्गा)’ नामक हैशटैग टॉप ट्रेंड में बना हुआ है।
Mamata Banerjee ordered a midnight crack down on several BJP leaders in Kolkata, who were picked up in the middle of night, without due process of law being followed. Tajinder Bagga and several others are now in TMC’s illegal detention. #SaveBengalSaveDemocracy #FreeTajinderBagga
— Chowkidar Amit Malviya (@amitmalviya) May 15, 2019
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने तेजिंदर बग्गा का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी ग़लती सिर्फ़ यही है कि वह बंगाल में लोकतंत्र की रक्षा के लिए गए थे। पश्चिम बंगाल में लगातार तृणमूल के गुंडों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में बाधा पहुँचाने की ख़बरें आ रही हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने हिंसा को देखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात करते हुए मीडिया को भी इस हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि बंगाल में हिंसा की बात होनी तभी शुरू हुई जब मीडिया वाले ख़ुद इसकी चपेट में आ गए। पीएम का आरोप था कि इससे पहले ऐसी ख़बरों को नज़रअंदाज़ किया जाता था।
मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और बंगाल में भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भी बंगाल के अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने एक वीडियो शेयर कर बताया था कि कैसे बंगाल के अधिकारी बेवजह अमित शाह की रैली को लेकर उनसे बहस कर रहे थे और कागज़ी चीजों को लेकर भाजपा अध्यक्ष के रोड शो में अड़ंगा लगाया जा रहा था। पश्चिम बंगाल में अमित शाह के रोड शो के दौरान माहौल दूषित हो गया था और उन्हें रोड शो रोकना पड़ा था। इससे पहले चुनाव कवर करने के दौरान तृणमूल के गुंडों ने पत्रकारों को भी पीटा था।
Kolkata police has arrested @TajinderBagga at 3:00 am
— Chowkidar Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) May 15, 2019
His fault?
Tried to save democracy in Bengal#FreeTajinderBagga pic.twitter.com/3HUdh9nAGY
पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण का चुनाव आते-आते माहौल और भी गर्म हो रहा है। भाजपा बंगाल चुनाव आयोग को तृणमूल का दलाल बता चुकी है। पार्टी का आरोप है कि राज्य की सारी सरकारी मशीनरी सिर्फ़ और सिर्फ़ ममता बनर्जी के इशारे पर काम करती हैं और उनका दुरुपयोग किया जा रहा है। आधी रात को भाजपा नेताओ पर की गई इस कार्रवाई का मुद्दा अब राष्ट्रीय हो चुका है और विरोध के स्वर भी तेज़ हो गए हैं। भाजपा दिल्ली के जंतर-मंतर पर बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
बंगाल में जो राजनीतिक हालात पैदा हुए हैं, उसको ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज (बुधवार) सुबह 11.30 बजे बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्य में चुनाव के दौरान हिंसा पर पश्चिम बंगाल के पर्यवेक्षकों से जानकारी ली जाएगी।
Election Commission to hold a meeting with West Bengal observers on poll violence in the state at 11.30 am today via video conferencing pic.twitter.com/9AemO9TkG2
— ANI (@ANI) May 15, 2019