Friday, May 16, 2025
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10, 20, 34 और अब चीनी माल पर 104% टैरिफ, अमेरिका ने किया ‘डंडा’ तो चीन ने भारत से लगाई गुहार: कहा- इससे वैश्विक अस्थिरता आएगी, हमारे साथ आइए

अमेरिका द्वारा चीन पर इतना टैरिफ लगाने का फैसला उस समय लिया गया जब चीन ने बदला लेने के लिहाज से 34 % टैरिफ अमेरिका पर लगाया और बातचीत के बाद भी उसे हटाने पर माना नहीं।

अमेरिका और चीन के बीच चल रहा व्यापार का तनाव बढ़ता जा रहा है। ताजा खबर के अनुसार अमेरिका ने चीन पर अब 50 फीसद अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसके बाद टैरिफ की कुल दर 104 फीसद पहुँच गई है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि अमेरिका का यह फैसला 9 अप्रैल 2025 यानी आज से ही प्रभावी होगा।

बता दें कि अमेरिका द्वारा चीन पर इतना अधिक टैरिफ लगाने का फैसला उस समय लिया गया जब चीन ने बदला लेने के लिहाज से 34 % टैरिफ अमेरिका पर लगाया और बातचीत के बाद भी उसे हटाने पर माना नहीं। उनके प्रतिशोधात्मक टैरिफ से पहले अमेरिका ने चीन पर 20% अतिरिक्त टैरिफ ही लगाया था

इसके बाद, 2 अप्रैल को एक रिसिप्रोकल टैरिफ के तहत 34% का शुल्क लगाया गया। इस मुद्दे पर कुछ समय बात चली, मगर कोई हल न निकलने पर अब, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर एक और 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे कुल मिलाकर चीनी वस्तुओं पर प्रभावी टैरिफ दर 104% तक पहुँच गई। शुरुआत में ये दर केवल 10 फीसद थी।

ट्रंप का कहना है कि चीन पर लगाया गया 104% टैरिफ भले सुनने में अजीब लगे, लेकिन हकीकत तो ये है कि चीन भी कई चीजों में अमेरिका से 100 फीसद से ज्यादा टैरिफ लेता है। उन्होने अमेरिका को नोचा है। अब उनकी बारी है।

चीन ने की आलोचना

गौरतलब है कि चीन ने इस नए टैरिफ के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि चीन किसी भी बाहरी दबाव का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है और उन्होंने अमेरिका के इस कदम को आर्थिक धौंस दिखाने वाला बताया। उन्होंने यह भी कहा कि चीन अपनी आर्थिक नीतियों में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, भले ही बाहरी चुनौतियाँ बढ़ें।

भारत को साथ खड़े होने को कहा

इसी प्रकार अमेरिका के कदम के खिलाफ भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह कदम वैश्विक व्यापार में अस्थिरता पैदा कर रहा है और इसे ‘टैरिफ का दुरुपयोग’ करार दिया। यू जिंग ने इस दौरान भारत के साथ संबंधों पर भी बात की। उन्होंने कहा चीन और भारत के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंध एक-दूसरे के पूरक हैं और इनका आधार पारस्परिक लाभ पर है।

इसके साथ ही, उन्होंने यह भी आग्रह किया कि दोनों देशों को मिलकर इस कठिनाई का सामना करना चाहिए। उनका मानना है कि अमेरिका का यह कदम विकासशील देशों को उनके विकास के अधिकार से वंचित करने वाला है। यू जिंग ने आगे कहा कि सभी देशों को बहुपक्षीयता का समर्थन करना चाहिए और एकतरफावाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रेड वॉर और टैरिफ युद्धों में कोई विजेता नहीं होता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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