उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। बुधवार (सितंबर 30, 2020) शाम को हुई बातचीत में सीएम योगी ने न्याय का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को ढाँढस बँधाया।
इस दौरान पीड़िता के पिता ने मुख्यमंत्री से आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की माँग की। मुख्यमंत्री ने बच्ची के पिता को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया और प्रशासन को पीड़ित परिवार की हर संभव मदद के निर्देश दिए।
Lucknow: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath speaks to the family of #Hathras gang-rape victim, via video conferencing. pic.twitter.com/htIprJUk0W
— ANI UP (@ANINewsUP) September 30, 2020
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार के लिए कई घोषणाएँ कीं। इसमें परिवार को कुल 25 लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध की जाएगी। परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी दी जाएगी। सूडा योजना के अंतर्गत हाथरस शहर में एक घर का आवंटन किया जाएगा। इसके अलावा सीएम ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमें की सुनवाई अनुमति दे दी है और मामले की जाँच के लिए एसआईटी की 3 सदस्यी कमेटी का गठन कर दिया है।
Kin of #Hathras gang-rape victim to be given Rs 25 lakh as ex-gratia and a house along with a governmnet job to one family member. Fastrack court to hear the matter; three-member SIT formed to probe the case: State govt
— ANI UP (@ANINewsUP) September 30, 2020
आज सुबह ही पीएम मोदी ने भी इस मामले पर सीएम योगी से बात कर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात कही थी। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 वर्षीय एक दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। ये वारदात 14 सितंबर को चंदपा पुलिस थाना क्षेत्र के एक गाँव में हुई थी।
चार युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था और विरोध करने पर उसका गला घोंटने की कोशिश की थी, इस दौरान उसकी जीभ कट गई थी। इसके बाद से ही लड़की की स्थिति गंभीर बनी हुई थी। मंगलवार को किशोरी ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया।
गैंगरेप पीड़िता की मौत और देर रात को हुए अंतिम संस्कार को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। वहीं राज्य की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। देर रात हुए अंतिम संस्कार को लेकर विपक्ष का कहना है कि पुलिस ने साक्ष्य को मिटाने के लिए परिजनों की गैरमौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं पुलिस और प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि मंगलवार सुबह पीड़िता की मृत्यु हो गई थी। देर रात पोस्टमार्टम के बाद जब शव पहुँचा तो परिवार वालों की सहमति से और उनकी उपस्थिति में अंतिम संस्कार कराया गया था। प्रशांत कुमार ने कहा कि कुछ महिलाओं द्वारा आरोप लगाए गए हैं, परंतु सत्य यही है कि उनकी उपस्थिति से और सहमति से ही अंतिम संस्कार कराया गया था। शांति व्यवस्था के लिए वहाँ पुलिस उपस्थित थी। एडीजी ने कहा कि पीड़िता की डेड बॉडी खराब हो रही थी, इसलिए घर के लोगों ने सहमति जातई थी कि रात को ही अंतिम संस्कार कर देना उचित होगा।
गौरतलब है कि 14 सितंबर को पीड़िता चारा इकट्ठा करने के लिए खेत में गई थी, जब 4 युवकों ने उस पर पीछे से हमला किया था। किशोरी को उसके गले में दुपट्टे से बाँधकर घसीट कर खेत में ले जाया गया, जहाँ कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया गया।
जघन्य कृत्य के कुछ दिनों बाद, सोशल मीडिया पर सामूहिक बलात्कार की क्रूरता की भयावहता का वर्णन करने वाली कई रिपोर्टें सामने आई। जिसमें दावा किया गया कि अपराधियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी, उसकी जीभ काट दी और आँखें भी फोड़ दी। हालाँकि, हाथरस पुलिस ने सितंबर 29, 2020 के एक बयान में इन आरोपों से इनकार किया था।