बुलंदशहर में साधुओं की हत्या का पालघर मॉब लिंचिंग से तुलना करने में जुटा गिरोह: CM योगी से माँगा इस्तीफा

पालघर में दो साधुओं की सैकड़ों की भीड़ ने पुलिस के सामने हत्या कर दी

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में चिमटा चुराने के विवाद में एक नशेड़ी युवक ने दो साधुओं की हत्या कर दी। अनूपशहर के एक मंदिर परिसर में यह घटना तब हुई, जब साधु सो रहे थे। गाँव के ही एक नशेड़ी युवक मुरारी का इस मामले में नाम सामने आया, जिससे पूछताछ की जा रही है। मुरारी लम्बे समय से भाँग के नशे का आदी है और साधुओं के साथ उसकी कहासुनी भी हुई थी। उसने साधुओं को ‘अंजाम भुगतने’ की चेतावनी भी दी थी। पकड़े जाने समय भी वो नशे में ही था।

पालघर बनाम बुलंदशहर: लिबरल प्रोपेगेंडा

लिबरलों ने इस घटना की तुलना पालघर मॉब लिंचिंग से करनी शुरू कर दी, जहाँ सैकड़ों की भीड़ ने जमा होकर 2 साधुओं की पुलिस के सामने निर्मम हत्या कर दी थी। उस इलाक़े में शराब माफियाओं और ईसाई मिशनरियों का वर्चस्व होने के कारण साधु-संतों के ख़िलाफ़ काफ़ी पहले से घृणा फैलाई जा रही थी। वहाँ रावण को पूजे जाने का भी इतिहास रहा है। सरकार भी तब हरकत में आई, जब घटना के 3 दिन बाद वीडियो वायरल हुआ।

कॉन्ग्रेस नेता श्रीवत्स ने कहा कि बुलन्दशहर के मंदिर में दो साधुओं की हत्या एक क्रूर अपराध है और ये चौंका देने वाला है। उन्होंने एक नशेड़ी के आरोपित होने की चर्चा करते हुए लिखा कि लॉकडाउन चल रहा है, फिर भी ऐसी हत्याएँ कैसे हो जा रही हैं? साथ ही उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोगों के जीवन को बचाने में असफल रहे हैं और इसलिए उन्हें अब तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

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शिवसेना सांसद और पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ के संपादक संजय राउत ने लिखा कि बुलंदशहर के मंदिर में दो साधुओं को मार दिया जाना डरावना है। साथ ही उन्होंने कहा कि वो सबसे अपील करते हैं कि इस घटना को सांप्रदायिक रंग न दिया जाए। साथ ही राउत ने इसकी तुलना पालघर हत्याकांड से करते हुए दावा किया कि उस घटना को सांप्रदायिक चश्मे से देखा गया था।

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सुमित कश्यप झा ने दावा किया कि भाजपा बुलंदशहर हत्याकांड में साम्प्रदायिक एंगल निकलने के इंतजार में बैठी हुई है। उन्होंने पूछा कि क्या इस सम्बन्ध में उन्हें अब तक कोई व्हाट्सप्प फॉरवर्ड नहीं मिला है? उन्होंने पूछा कि इस बार समुदाय विशेष को दोषी ठहरना है या ईसाईयों को? झा ने दावा किया कि भाजपा इस बार ईसाईयों को दोषी ठहराएगी क्योंकि आज के समय में यही सबसे उम्दा विकल्प लग रहा है उनके लिए

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कॉन्ग्रेस नेता शरद पटेल ने अर्नब गोस्वामी के शो ‘नेशन वांट्स टू नो’ का मजाक बनाते हुए पूछा कि क्या वो इस मामले में यूपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछेंगे। साथ ही उन्होंने योगी आदित्यनाथ को उनके पुराने नाम ‘अजय सिंह बिष्ट’ कह कर सम्बोधित किया। बता दें कि अर्नब ने सोनिया गाँधी को उनके पुराने नाम ‘एंटोनिया माइनो’ से सम्बोधित किया था, जिस कारण उनके ख़िलाफ़ दर्जनों एफआईआर हुए और साढ़े 12 घंटे पूछताछ भी हुई।

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कॉन्ग्रेस नेता सलमान निजामी ने भी बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या वाली ख़बर की चर्चा की। सलमान ने कहा कि वो अर्नब गोस्वामी का इंतजार कर रहे हैं कि वो इस मामले में सोनिया गाँधी या समुदाय विशेष को दोष दें। साथ ही उन्होंने दावा किया कि अर्नब गोस्वामी में सच्चाई दिखाने का दम नहीं है और न ही वो भाजपा से सवाल पूछने की हिमाकत कर सकते हैं।

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गुजरात के कॉन्ग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि महाराष्ट्र में दो साधुओं की मॉब लिंचिंग के बाद अब उत्तर प्रदेश में साधुओं की हत्या हुई है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र की घटना पर दो-दो घंटे टीवी डिबेट करने वाले, उत्तर प्रदेश की घटना पर चुप हैं। उन्होंने पूछा कि योगी आदित्यनाथ का इस्तीफ़ा क्यों नहीं माँगा जा रहा है? उन्होंने आरोप लगाया कि ‘भाजपा के चमचे’ हर गुनाह को राजनीति के चश्मे से देखते हैं।

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पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में वीडियो वायरल होने से पहले अलग-अलग अख़बारों में पुलिस के अलग-अलग बयान छपे थे। हत्याकांड के तीन दिन बाद वीडियो वायरल होने से पहले मीडिया ने ‘चोरी के शक में हत्या’ कह कर इस मामले को दबा दिया था। वीडियो वायरल होने के बाद ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस घटना पर बयान दिया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उसे इस मुद्दे पर बात की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया