जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ़्ती की बेटी ने सर्दियों में उन्हें उनकी नज़रबंदी के वर्तमान स्थान से कहीं और शिफ्ट किए जाने की माँग की है। बकौल इल्तजा मुफ़्ती, महबूबा का वर्तमान निवास कश्मीर घाटी की कड़ी ठंड के हिसाब से अनुकूल नहीं है।
इल्तजा ने ट्विटर पर महबूबा मुफ़्ती के अकाउंट से यह भी लिखा कि उन्होंने एक महीने पहले ही श्रीनगर के जिला कलेक्टर को इस बारे में पत्र लिखा था। “अगर उन्हें कुछ हो गया तो भारत सरकार ज़िम्मेदार होगी।”
I’ve repeatedly raised concerns about the well being of my mother. I wrote to DC Srinagar a month ago to shift her someplace equipped for the harsh winter. If anything happens to her, the Indian government will be responsible
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 5, 2019
https://t.co/bgJwi0fHxl
उन्होंने साथ में अंग्रेजी में हाथ से लिखे गए एक पत्र की कॉपी भी ट्वीट की है। इसमें लिखा है कि महबूबा को मेडिकल जाँच में विटामिन डी, हीमोग्लोबिन और कैल्शियम की कमी पाई गई है। उनका निवास (जहाँ वे नज़रबंद हैं) कश्मीर की कड़ाके की सर्दी से बचाव नहीं कर सकता है। इल्तजा ने इन बिंदुओं के आधार पर उन्हें किसी दूसरे, उचित स्थान पर तत्कालिक रूप से शिफ्ट किए जाने की माँग की है।
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 5, 2019
लेकिन ट्विटर पर लोगों को इल्तजा की यह गुज़ारिश और ट्वीट रास नहीं आए, और उनकी जम कर ट्रोलिंग शुरू हो गई है। एक व्यक्ति ने लिखा कि अगर यह एक महीने पुराना पत्र है तो इसमें जिला कलक्टर की रिसीविंग और स्टाम्प कहाँ है।
Do u call this a petition ,where is the DC’s receiving and stamp ?
— Sameer Wadhwa (@0808sameer) November 5, 2019
इसके अलावा कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि यह लो कैल्शियम लेवल आदि केवल मुफ़्ती की समस्याएँ नहीं हैं। विकाशील देशों की कई महिलाएँ इनसे ग्रस्त हैं। महबूबा को कुछ नहीं होने वाला।
Calcium deficiency etc can be treated at her present residence . Don’t worry she will get the required medical attention .
— ALOK KUMAR PATTNAIK (@alokpattnaik197) November 5, 2019
Half of the females in the third world suffer from these so called abnormal test results..
— PK (@pkour03) November 5, 2019
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किए जाने के पहले से ही महबूबा मुफ़्ती, उमर अब्दुल्ला, फारूख अब्दुल्ला समेत घाटी के तमाम नेताओं को केंद्र सरकार ने एहतियातन नज़रबंद कर दिया था।
घाटी में इन्टरनेट सेवाएँ बंद कर दिए जाने और खुद की नज़रबंदी के चलते 370 हटने के तुरंत बाद महबूबा मुफ़्ती अन्य नेताओं की तरह सोशल मीडिया पर अनुपलब्ध रहीं। लेकिन विगत 20 सितंबर से उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट को इस्तेमाल करने का अधिकार बेटी इल्तजा मुफ़्ती को दे रखा है।