बिहार सरकार ने ने इसे 'कोल्ड ब्लडेड मर्डर' करार दिया और एनकाउंटर को फेक बताया। मंत्री ने ने पुलिस को ही क्रूर बता दिया और दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने अपने वरिष्ठों के आदेश की अवहेलना की।
अफ़रोज़ को अपनी 16 साल की नाबालिग बहन के 18 साल के हिन्दू युवक राहुल के साथ प्रेम प्रसंग से आपत्ति थी। इस कारण उसने अपने साथियों के साथ मिलकर राहुल की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
आज हम चंदा बाबू की बात करने जा रहे हैं, जिनके दो बेटों को तेज़ाब से नहला कर मार डाला गया। तीसरा गवाह था, लेकिन उसकी भी हत्या हो गई। बुजुर्ग दम्पति आज भी शहाबुद्दीन के खौफ के बीच जीते हैं।
बिहार में लालू-राबड़ी युग के जंगलराज की एक से बढ़ कर एक कहानियाँ हैं। इनमें से एक है छपरा जेल काण्ड। जी हाँ, जेल में रहने वाले कैदियों ने ही जेल पर कब्जा कर लिया था।